महाकुंभ नगर, 11 फरवरी . महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता सभी सीमाओं को लांघते हुए पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस ऐतिहासिक आयोजन की ऐसी उत्कृष्ट व्यवस्थाएं की गई हैं, जिसने इसे अब तक का सबसे भव्य और सुव्यवस्थित महाकुंभ बना दिया है.
सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक, आमजन से लेकर वीवीआईपी तक, हर कोई संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए उत्सुक दिख रहा है. विपक्ष के नेताओं की जुबान पर भले ही विरोध रहा हो, लेकिन मन में उत्साह लेकर अधिकतर नेताओं को संगम की शरण में आते देखा जा रहा है.
महाकुंभ के महापर्व पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित देश के सभी गणमान्य महाकुंभ नगर पहुंचे. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हो रहे दुनिया के सबसे विशाल कार्यक्रम के गवाह तमाम प्रदेशों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री बने. इसी क्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे.
सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में समूचे मंत्रिपरिषद ने एक साथ त्रिवेणी में पवित्र अमृत स्नान किया. इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी पूरी मंत्री परिषद, सांसदों और विधायकों के साथ संगम में स्नान किया.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी पवित्र त्रिवेणी में स्नान करने पहुंचे. डीके शिवकुमार के साथ उनकी पत्नी उषा भी पहुंची थीं. डीके शिवकुमार से पहले उनकी बेटी ऐश्वर्या ने महाकुंभ में स्नान कर विशेष पूजन किया.
यहां आने से यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय भी खुद को नहीं रोक सके. दूसरी ओर वरिष्ठ कांग्रेसी और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी महाकुंभ नगर में पवित्र अमृत स्नान की उम्मीद से चले. लेकिन, यहां उमड़े श्रद्धालुओं के अभूतपूर्व जनसमुद्र में फंसकर रह गए. उन्हें बीच रास्ते से ही लौटना पड़ गया.
सभी विपक्षी नेता जुबान से भले ही भाजपा सरकार का विरोध करते हैं, लेकिन वे भी जानते हैं कि सीएम योगी ने इस आयोजन के माध्यम से एक ऐसी लकीर खींच दी है, जिसके आगे विपक्ष के सारे आरोप बेमानी साबित हो रहे हैं.
भारत के धुर विरोधी पाकिस्तान में भी महाकुंभ को सर्च किया जा रहा है. पहली बार पाकिस्तान से 68 श्रद्धालुओं का एक विशेष दल महाकुंभ में शामिल भी हुआ. सिंध प्रांत से बड़ी संख्या में आए डॉक्टर, इंजीनियर और व्यवसायियों ने संगम में डुबकी लगाई और इस आध्यात्मिक यात्रा को अविस्मरणीय बताया.
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एसके/एबीएम