नई दिल्ली, 11 फरवरी . केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मंगलवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में आम बजट में उनके विभाग को मिली सौगातों के बारे में विस्तार से बताया.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत सरकार पिछले 11 वर्षों से अंत्योदय को अपना लक्ष्य बनाकर काम कर रही है. इस बजट में किसानों, गरीबों और महिलाओं के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है. सरकार का उद्देश्य गरीबों, युवाओं, अन्नदाताओं और नारी शक्ति को सशक्त बनाना है. अनुसूचित जनजातियों के लिए पांच लाख लाभार्थियों को दो करोड़ रुपये के ऋण का प्रावधान किया गया है, जबकि जेंडर बजट के तहत 4.9 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
सरकार कुपोषण की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए पोषण पर विशेष फोकस कर रही है. 10 करोड़ लाभार्थियों को इसका सीधा लाभ मिल सके, इसके लिए योजनाओं को सुदृढ़ किया गया है. इसके अलावा, 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट दी गई है, जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुद्रा योजना के तहत विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. स्किल डेवलपमेंट पर जोर देकर महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे.
स्वास्थ्य सुविधाओं के अंतर्गत डे-केयर कैंसर सेंटर का प्रावधान किया गया है, जिससे महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें. महिलाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. सरकार लेदर और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में भी महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है. कृषि योजना के तहत उन 100 जिलों को चिन्हित किया जाएगा जहां कम उपज होती है, ताकि उत्पादन को बढ़ाया जा सके.
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में यह बजट एक महत्वपूर्ण कदम है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों को अधिक सक्षम बनाया जा रहा है, ताकि महिलाओं और बच्चों को बेहतर सेवाएं मिल सकें. सुपोषित ग्राम पंचायतों पर भी ध्यान दिया जाएगा. जो पंचायतें अच्छा कार्य कर रही हैं, उन्हें 1 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया जाएगा. कुल मिलाकर, यह बजट विकसित भारत के निर्माण की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और देश के आर्थिक विकास को गति देने में सहायक होगा.
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