वाशिंगटन, 11 फरवरी . छह अमेरिकी सांसदों ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को कड़े शब्दों में एक पत्र लिखा है, जिसमें डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (डीओजे) द्वारा अदाणी ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ अभियोग की जांच की मांग की गई है.
छह अमेरिकी सांसदों, जिसमें लांस गूडेन, पैट फालोन, माइक हैरिडोपोलोस, ब्रैंडन गिल, विलियम आर टिममन्स और ब्रायन बाबिन शामिल हैं, ने पत्र में कहा कि डीओजे की कार्रवाई गुमराह करने वाली थी. इसमें भारत जैसे रणनीतिक सहयोगी के साथ अमेरिका के संबंधों को नुकसान पहुंचने का जोखिम था.
अमेरिकी सांसदों ने पत्र में लिखा, “यह मामला इस आरोप पर आधारित है कि इस कंपनी के सदस्यों द्वारा विशेष रूप से भारत में स्थित भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने की तैयारी की गई थी. मामले को उचित भारतीय अधिकारियों को देने के बजाय बाइडन डीओजे ने कंपनी के अधिकारियों को दोषी ठहराने का फैसला किया.”
सांसदों ने पत्र में आगे लिखा कि किसी मामले को इस तरह से आगे बढ़ाने का “कोई अनिवार्य कारण” नहीं था जो भारत जैसे सहयोगी के साथ संबंधों को जटिल बना सके, जब तक कि कुछ बाहरी कारक इसमें शामिल न हों.
इसके अतिरिक्त पत्र में लिखा गया कि इस गुमराह करने वाले निर्णय से राष्ट्रपति ट्रंप के ओवल कार्यालय में लौटने से ठीक पहले भारत जैसे रणनीतिक साझेदार के साथ हमारे संबंधों को नुकसान पहुंचने का खतरा था.
पिछले साल नवंबर में डीओजे की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को अदाणी ग्रुप ने खारिज करते हुए आधारहीन बताया था.
अमेरिकी सांसदों ने पत्र में आगे कहा, “हम आपसे बाइडन प्रशासन के डीओजे के आचरण की जांच करने का अनुरोध करते हैं और सच्चाई को उजागर करने के समन्वित प्रयास के लिए इस मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड हमारे साथ साझा करने के लिए आपकी सराहना करेंगे.”
पिछले महीने प्रमुख अमेरिकी मीडिया संस्थान फोर्ब्स ने कहा था कि अदाणी समूह के अधिकारियों पर डीओजे का अभियोग एक बड़ी रणनीतिक भूल थी.
–आईएएनस
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