जमशेदपुर, 9 फरवरी . झारखंड की सबसे पुरानी औद्योगिक नगरी जमशेदपुर की रेल पुलिस ने राज्य की नाबालिग बच्चियों को बड़े महानगरों में बेचने वाले रैकेट से जुड़ी एक महिला को रविवार को गिरफ्तार किया.
पुलिस ने दिल्ली बेचने के लिए ले जाई जा रही एक नाबालिग बच्ची को भी बरामद किया है. यह बच्ची जमशेदपुर के परसुडीह लोको कॉलोनी की रहने वाली बताई जा रही है.
बच्ची को बेचने के आरोप में जिस महिला को गिरफ्तार किया गया है, उसका नाम निशु तियू है. वह पूर्व सिंहभूम की डुमरिया की रहने वाली है. उसने प्रारंभिक पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह बच्चियों को बेचने वाले रैकेट से जुड़ी है. उसने बताया है कि रांची की रहने वाली अंजली कच्छप ने उसे इस काम में लगाया था. लड़कियों को रांची तक पहुंचाने का किराया भी उसे अंजलि कच्छप ही देती थी.
उसने बताया कि पहले वह दिल्ली में काम करती थी. इसी दौरान उसकी मुलाकात अंजलि कच्छप से हुई थी और उसने इसे नेटवर्क से जोड़ा था. हर लड़की की एवज में उसे 10-15 हजार रुपये दिए जाते थे. अब तक बेची गई ज्यादातर लड़कियां आदिवासी समाज की हैं.
जमशेदपुर के परसुडीह थाने में निशु तीयू से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उसके बयान के आधार पर माना जा रहा है कि अंजली कच्छप इस रैकेट की किंगपिन है.
पुलिस के अनुसार, निशु तीयू की निशानदेही पर जिस बच्ची को ट्रेन से बरामद किया गया है, उसे अंजलि कच्छप ही अपने साथ लेकर दिल्ली जा रही थी. पुलिस के पहुंचते ही वह चकमा देकर भाग निकली. उसकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
बरामद बच्ची को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. झारखंड में इसके पहले भी लड़कियों को बेचने वाले कई गिरोह का खुलासा हुआ है. इनके निशाने पर गरीब और अशिक्षित आदिवासी लड़कियां होती हैं, जिन्हें वे महानगरों में बेहतर नौकरी और करियर का झांसा देकर अपने साथ ले जाते हैं और वहां खरीदारों से मोटी रकम लेकर उन्हें बेच डालते हैं.
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एसएनसी/