अमेरिका के सामने उठाया दुर्व्यवहार का मुद्दा, लोगों के साथ होना चाहिए सम्मानजनक व्यवहार : निर्वासन विवाद पर विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली, 7 फरवरी . भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका से निर्वासित अवैध प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे को उठाया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर की तरफ से संसद में इस मुद्दे पर विस्तृत बयान दिए जाने के एक दिन बाद, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि नई दिल्ली ने लोगों को वापस लाने की स्थिति के बारे में वाशिंगटन के समक्ष अपनी चिंताएं दर्ज कराई हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह फ्रांस और अमेरिका की यात्रा से पहले मीडिया ब्रीफिंग के दौरान मिस्री ने कहा, “यह मुद्दा उठाना जायज है और मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इन सभी मामलों के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में हैं. यह एक सतत चर्चा है, न कि एक बार की बातचीत.’

विदेश सचिव ने कहा, ‘हमने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि लोगों के साथ निष्पक्ष और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए, यहां तक ​​कि निर्वासित लोगों के साथ भी. जब भी दुर्व्यवहार का कोई मामला हमारे ध्यान में आता है, हम इसे उठाते हैं और हम भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे.”

मिस्री ने बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले ही संसद का ध्यान मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की ओर आकर्षित किया है जिसका पिछले कई वर्षों से ऐसे मामलों में पालन किया जाता रहा है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्वासन उड़ान की मंजूरी और अनुमोदन के संबंध में पिछली प्रक्रियाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

विदेश सचिव ने आश्वासन दिया कि सरकार ध्यान में आने वाले दुर्व्यवहार के किसी भी मामले को उठाती रहेगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अवैध आव्रजन को बढ़ावा देने वाले तत्वों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है.

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