नए शिपिंग प्रतिबंधों पर भड़का ईरान, अमेरिका को सुनाई खरी-खरी

तेहरान, 7 फरवरी, . ईरान ने शुक्रवार को शिपिंग से संबंधित प्रतिबंध लगाने के वाशिंगटन के कदम की निंदा की. तेहरान के मुताबिक इससे उसे साझेदारों के साथ वैध व्यापार करने से रोका जाएगा. आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए ने यह जानकारी दी.

अमेरिकी ट्रेजरी ने गुरुवार को कहा कि वह कुछ व्यक्तियों और टैंकरों पर नए प्रतिबंध लगा रहा है, जो प्रति वर्ष लाखों बैरल ईरानी कच्चे तेल को चीन भेजने में मदद करते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सप्ताह ईरान के कच्चे तेल के निर्यात को शून्य पर लाने की कसम खाई थी. इसके बाद बाद ईरान के तेल पर लगने वाली ये पहली पाबंदी है. यह अमेरिकी कदम तेहरान की परमाणु क्षमताओं पर अंकुश लगाने के प्रयासों का हिस्सा हैं.

आईआरएनए ने ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाघई के हवाले से कहा,”ईरान को उसके आर्थिक साझेदारों के साथ वैध व्यापार करने से रोककर ईरानी लोगों पर दबाव डालने का नए अमेरिकी प्रशासन का फैसला एक नाजायज और गैरकानूनी कार्रवाई है.”

बाघई ने कहा,”ईरान इस तरह की एकतरफा और धमकाने वाली कार्रवाइयों के परिणामों और नतीजों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को जिम्मेदार ठहराता है.”

इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के सदस्यों से एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर सभी सदस्य एकजुटता से काम करते हैं तो अमेरिका उनमें से किसी पर भी प्रतिबंध नहीं लगा पाएगा.

तेहरान में ओपेक के महासचिव हैथम अल घैस के साथ बैठक के दौरान पेजेशकियन ने कहा, “ओपेक के सदस्यों को इस तरह से काम करना चाहिए कि उससे से किसी अन्य सदस्य को नुकसान न पहुंचे.”

ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, “मेरा मानना ​​है कि अगर ओपेक के सदस्य एकजुट होकर और लगातार काम करते हैं, तो अमेरिका उनमें से किसी पर प्रतिबंध नहीं लगा पाएगा और न ही उन पर दबाव डाल पाएगा.”

राष्ट्रपति के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान,पेजेशकियन ने ओपेक सदस्यों की एक आम भाषा, दृष्टिकोण और नीति पर पहुंचने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने संगठन को राजनीतिकरण से दूर रखने की भी बात कही.

एमके/