वाशिंगटन, 6 फरवरी, . इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का समर्थन किया जिसमें गाजा पट्टी के पुनर्निर्माण के लिए वहां से फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव शामिल है. उन्होंने इस योजना को ‘असाधारण’ बताया.
रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने अमेरिकी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बुधवार को कहा, “यह पहला अच्छा विचार है जो मैंने सुना है. यह एक उल्लेखनीय विचार है. मुझे लगता है कि इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए और लागू किया जाना चाहिए – क्योंकि यह सभी के लिए एक अलग भविष्य बनाएगा.”
इजरायली मीडिया के मुताबिक नेतन्याहू का यह बयान मंगलवार को व्हाइट हाउस में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप की ओर से पेश किए गए विचार का पहला पूर्ण समर्थन है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पट्टी पर कब्जा करने और इसके पुनर्विकास का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, “अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा . हम इसे विकसित करेंगे. गाजा में मौजूद सभी खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को निष्क्रिय करेंगे, जगह को समतल करने और तबाह हो चुकी इमारत को हटाएंगे.’’
ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका “एक ऐसा आर्थिक विकास करेगा जो क्षेत्र के लोगों के लिए असीमित संख्या में नौकरियों और आवास की आपूर्ति करेगा.”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब उनसे एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या गाजा छोड़ने वाले फिलिस्तीनियों को भविष्य में वहां फिर से बसने की अनुमति दी जाएगी. तो जवाब में उन्होंने सवाल किया, “आप वहां किसे रहते हुए देखते हैं?”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “वहां रहने वाले लोग, दुनिया के लोग होंगे इसमें फिलिस्तीनी भी शामिल होंगे.’
हालांकि जब इस बयान पर हंगामा हुआ तो व्हाइट हाउस ने बाद में सफाई दी. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन का लक्ष्य केवल फिलिस्तीनियों को ‘अस्थायी रूप से’ हटाना है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है… कि वह क्षेत्र में हमारे साझेदारों – विशेष रूप से मिस्र और जॉर्डन – से अपेक्षा करते हैं कि वे फिलिस्तीनी शरणार्थियों को अस्थायी रूप से स्वीकार करें ताकि हम उनके घरों का पुनर्निर्माण कर सकें.”
लेविट ने कहा, “राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पुनर्निर्माण के लिए फिलिस्तीनियों को अस्थायी रूप से गाजा से बाहर ले जाने की जरुरत है क्योंकि यह अभी एक विध्वंस स्थल है और यह किसी भी इंसान के रहने योग्य जगह नहीं है.”
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