बौद्ध महाकुंभ यात्रा : बौद्ध धर्म के प्रचारकों ने द‍िया शांति का संदेश

महाकुंभ नगर, 5 फरवरी . भारत-तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने बुधवार को एक ऐतिहासिक बौद्ध महाकुंभ यात्रा निकाली. इस यात्रा में देश भर के बौद्ध धर्म के प्रचारकों ने भाग लिया. भूटान, म्यांमार और नेपाल जैसे सहयोगी देशों के प्रचारक भी इस महाकुंभ का हिस्सा बन रहे हैं. यह यात्रा 4 से 7 फरवरी तक आयोजित हो रही है और यह अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना बन चुकी है.

इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए पंकज गोयल ने को बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य बौद्ध धर्म के शांति संदेश को फैलाना है. उन्होंने कहा कि यह यात्रा हमें एकजुट होकर शांति के मार्ग पर चलने का संदेश देती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं कि हमें युद्ध के मार्ग पर नहीं, बल्कि बुद्ध के मार्ग पर चलने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि इस यात्रा में बौद्ध लामा और भिक्षु अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं. यह दिखाता है कि किस प्रकार पुरानी संस्कृति और धर्म एक साथ आकर एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं. इस महाकुंभ का उद्देश्य न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों को एकत्र करना है, बल्कि यह सभी धर्मों और जातियों के बीच शांति और एकता का प्रतीक बन चुका है.

गोयल ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल शांति का संदेश देना है. इस यात्रा में शामिल होने वाले लोग इस बात का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं कि हम सब एक हैं और हम सभी को मिलकर शांति की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए. यह यात्रा इस बात का प्रतीक है कि कैसे विभिन्न धर्म और संस्कृतियां एकजुट होकर समाज में शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश देती हैं. बौद्ध धर्म ने हमेशा शांति का संदेश दिया है और इस यात्रा के माध्यम से यही संदेश फिर से एक बार दुनिया भर में फैलाया जा रहा है.

महाकुंभ में पीएम मोदी के स्नान तो लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने इस महाकुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाकर विश्व शांति की कामना की. यह दिन हमारे लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि यह यात्रा शांति, एकता और भाईचारे का प्रतीक बनकर सामने आ रही है.

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