टोक्यो, 5 फरवरी . जापान में एक सर्वे के अनुसार, 40 प्रतिशत से अधिक लोग शादी के बाद भी अपने पुराने सरनेम को दफ्तर में इस्तेमाल करना चाहते हैं.
कैबिनेट ऑफिस द्वारा किए गए इस सर्वे में 43.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपने पुराने नाम से ही काम करना पसंद करेंगे. यह संख्या 2023 के मुकाबले 4.2 प्रतिशत बढ़ी है. वहीं, 55.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपना नाम बदल लेंगे.
आयु वर्ग के आधार पर देखा जाए तो 30 से 39 साल के लोगों में यह इच्छा सबसे ज्यादा दिखी. इस उम्र के 57.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपना पुराना उपनाम बनाए रखना चाहेंगे.
महिला और पुरुषों के विचारों में भी अंतर दिखा. पुरुषों में 47.7 प्रतिशत लोग पुराने उपनाम को बनाए रखने के पक्ष में थे, जो पिछली बार की तुलना में 3.5 प्रतिशत अधिक है. महिलाओं में यह संख्या 39.6 प्रतिशत रही, जो 4.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है.
सर्वे में यह भी पूछा गया कि क्या जापान में महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का दर्जा मिलता है? इस पर सिर्फ 16.7 प्रतिशत लोगों ने हां कहा.
यह सर्वे 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 5,000 जापानी नागरिकों पर किया गया था, जिसमें 53.3 प्रतिशत लोगों ने जवाब दिया.
इसके अलावा, जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2024 में 22,320 लोगों ने सरकारी सहायता के लिए आवेदन किया. यह संख्या पिछले साल इसी महीने की तुलना में 1.6 प्रतिशत अधिक है और पिछले 10 वर्षों में नवंबर महीने के लिए सबसे ज्यादा है.
मंत्रालय ने इसके पीछे एकल परिवारों (सिंगल-पर्सन हाउसहोल्ड) की बढ़ती संख्या और बुजुर्गों की बढ़ती आबादी को वजह बताया है.
नवंबर 2024 तक, जापान में कुल 16,51,995 परिवार सरकारी सहायता पर निर्भर थे, जो 2023 के मुकाबले 0.1 प्रतिशत कम है.
बढ़ती महंगाई और खाद्य पदार्थों की कीमतों में इजाफे को देखते हुए मंत्रालय ने आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे लोगों को स्थानीय सरकारी कार्यालयों से सहायता लेने की सलाह दी है.
–
एएस/