राहुल को अपना नाम बदलकर ‘इलेक्शन गांधी’ रख लेना चाहिए: केटीआर

हैदराबाद, 5 फरवरी . भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपना नाम बदलकर ‘इलेक्शन गांधी’ रख लेना चाहिए.

2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान पिछड़े वर्गों (बीसी) से किए गए वादों को पूरा न करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए रामा राव ने पिछड़े वर्गों की घोषणा को 100 प्रतिशत झूठ बताया.

मंगलवार के विधानसभा सत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए बीआरएस नेता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि कांग्रेस सरकार ने पिछड़ा वर्ग से संबंधित घोषणा के नाम पर बेशर्मी से “झूठ फैलाया”.

केटीआर ने लिखा, “झूठ! बहुत झूठ! झूठ के अलावा कुछ नहीं! कल के विधानसभा सत्र ने तेलंगाना के लोगों को दो चीजें साफ कर दीं – एक विफल सरकार, जिसमें कोई स्पष्टता नहीं है, और झूठ जो आपने पिछड़े वर्गों से संबंधित घोषणा के नाम पर बेशर्मी से फैलाया.”

केटीआर ने विधानसभा में पेश जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हालांकि सरकार को कल पेश किए गए आंकड़ों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन यह साफ है कि 42 प्रतिशत पिछड़े वर्ग आरक्षण की दिशा में काम करने का आपका कभी इरादा नहीं था. आपकी कांग्रेस सरकार का यू-टर्न लेना और फिर बेशर्मी से केंद्र सरकार पर जिम्मेदारी डालना यह दिखाता है कि आप कितने प्रतिबद्ध हैं. एक बार फिर साबित हो गया कि आपकी सभी गारंटी, वादे और घोषणाएं सिर्फ राजनीतिक दिखावे के अलावा कुछ नहीं हैं.”

केटीआर ने राहुल गांधी से कहा, “आपको अपना नाम बदलकर इलेक्शन गांधी रख लेना चाहिए. आपकी पिछड़े वर्ग को लेकर की गई घोषणा पूरी तरह से झूठ है और आपकी प्रतिबद्धता सिर्फ दिखावा है.”

विधानसभा चुनाव के दौरान कामारेड्डी में की गई पिछड़े वर्ग की घोषणा में कांग्रेस ने सत्ता में आने के छह महीने के भीतर स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्ग आरक्षण को 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने का वादा किया था. कांग्रेस पार्टी ने सरकारी सिविल निर्माण और रखरखाव अनुबंधों में भी पिछड़ों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था.

विधानसभा में केटीआर ने कांग्रेस सरकार पर 42 प्रतिशत आरक्षण के लिए विधेयक पेश करने में विफल रहने का आरोप लगाया था और कहा कि उन्होंने ‘कामारेड्डी बीसी घोषणा’ बैठक में किए गए वादे के मुताबिक पिछड़ों को धोखा दिया है.

एसएचके/केआर