नई दिल्ली, 4 फरवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पार्टी और पूर्व पीएम राजीव गांधी पर हमला बोला.
पीएम मोदी ने कहा कि एक प्रधानमंत्री थे, जिन्हें मिस्टर क्लीन के नाम से जाना जाता था, जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया था कि जब दिल्ली से एक रुपया चलता है तो गांवों तक केवल 15 पैसे ही पहुंचते हैं. उस समय पंचायत से लेकर संसद तक एक ही पार्टी का शासन था और आम आदमी आसानी से समझ जाता था कि 85 पैसे कहां गए. देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया. हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए. हमने जनधन, आधार, मोबाइल की जैम ट्रिनिटी बनाई और डायरेक्ट ट्रांसफर करना शुरू किया. हमारे कार्यकाल में हमने 40 लाख करोड़ रुपया सीधा जनता-जनार्दन के खाते में जमा किया.
पीएम मोदी ने कहा, “पहले अखबारों की सुर्खियां घोटालों और भ्रष्टाचार से जुड़ी होती थीं. बीते 10 साल से घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं. हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने ‘शीश महल’ बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है.”
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सत्ता में आने से पहले बुनियादी ढांचे का बजट 1.80 लाख करोड़ था. आज यह 11 लाख करोड़ रुपये है. यही कारण है कि राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि भारत की नींव कैसे मजबूत हो रही है. जब से हमने जन औषधि केंद्र स्थापित किए हैं, जहां दवाएं 80 प्रतिशत छूट पर उपलब्ध हैं, इन केंद्रों से दवाएं खरीदने वाले परिवारों ने सामूहिक रूप से चिकित्सा खर्च पर लगभग 30,000 करोड़ की बचत की है.
हमने इथेनॉल मिश्रण के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया. हम जानते हैं कि हम ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र नहीं हैं और हमें विदेशों से आयात करना पड़ता है. हमने इथेनॉल मिश्रण लागू किया. इस निर्णय से 1 लाख करोड़ का अंतर आया और यह पैसा सीधे हमारे किसानों की जेब तक पहुंचा. हमारे सत्ता में आने से पहले एलईडी बल्ब 400 रुपये में बेचे जाते थे. हमने ऐसे अभियान चलाए कि कीमतें 40 रुपये तक आ गईं.
एलईडी बल्बों ने ऊर्जा संरक्षण में मदद की, इससे देश के लोगों के लगभग 20,000 करोड़ रुपये भी बचाए गए. पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना परिवारों को अतिरिक्त बिजली उत्पादन आय के साथ बिजली बिल पर सालाना 25,000-30,000 बचाने में मदद करती है. लाखों नागरिकों को मुफ्त अनाज मिलता है, जिससे प्रति परिवार हजारों रुपये की बचत होती है. वहीं डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक नल से शुद्ध जल मिलने के कारण, बीमारियां न होने के चलते हर परिवार का औसतन 40 हजार रुपया बचा है. ऐसी अनेक योजनाएं हैं, जिससे लोगों के खर्चों में कमी आई हैं.
–
एकेएस/