जोधपुर, 4 फरवरी . आयुष्मान आरोग्य योजना ने लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाया है, खासकर कैंसर जैसे गंभीर रोगों के मरीजों के लिए यह योजना एक जीवनदान साबित हो रही है. कैंसर का इलाज महंगा होने के कारण कई गरीब और मिडिल क्लास परिवार इसे वहन नहीं कर पाते, लेकिन आयुष्मान योजना के तहत उन्हें मुफ्त इलाज मिल रहा है, जो उनके जीवन में नई उम्मीद जगाता है.
कैंसर का इलाज एक लंबी प्रक्रिया होती है, जिसमें कीमोथेरेपी, सर्जरी और अन्य उपचारों पर लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं. इसके अलावा, कई मरीजों को सर्जरी के बाद लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता होती है, जिससे इलाज का खर्च और भी बढ़ जाता है. इन समस्याओं का समाधान आयुष्मान आरोग्य योजना ने कर दिया है. इस योजना के तहत कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है, जिससे मरीजों और उनके परिवारों पर आर्थिक दबाव कम हो गया है.
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. जीवन राम विश्नोई ने इस योजना के बारे में बात करते हुए से कहा कि मुख्यमंत्री आरोग्य आयुष्मान योजना, जो भारत सरकार और राजस्थान सरकार दोनों की संयुक्त योजना है, इससे मरीजों को बहुत लाभ हो रहा है. इस योजना के तहत मरीजों से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता, जबकि अगर वे प्राइवेट या कॉर्पोरेट अस्पतालों में इलाज करवाते हैं, तो लाखों रुपये का खर्च आता है, जो किसी मरीज के लिए वहन करना मुश्किल हो सकता है. आयुष्मान योजना के तहत हम सभी प्रकार की सर्जरी, जैसे कि रोबोटिक सर्जरी और महंगे इलाज को बिल्कुल मुफ्त प्रदान करते हैं. विशेष रूप से ओवेरियन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में इस्तेमाल होने वाले महंगे इम्प्लांट्स और ऑपरेशन किट्स का खर्च भी इस योजना के तहत कवर किया जाता है.
उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से मरीजों को मेट्रो शहरों में मिलने वाले महंगे इलाज की तुलना में यहां पूरी तरह निशुल्क इलाज मिल पाता है, जो उन गरीब मरीजों के लिए एक जीवनदान साबित हो रहा है. उन्होंने आगे बताया कि इस योजना के तहत मरीजों से 1 रुपया भी चार्ज नहीं किया जाता है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में यही इलाज लाखों रुपये में हो सकता है. अगर कैंसर का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में कराया जाए, तो यह 10 से 15 लाख रुपये तक का खर्च हो सकता है, जो हर कोई नहीं उठा सकता. लेकिन इस योजना के तहत मरीजों को यह सभी सेवाएं मुफ्त में मिल रही हैं.
डॉ. जीवन राम ने विश्व कैंसर दिवस की थीम पर बात करते हुए कहा कि इस बार की कैंसर थीम यह बताती है कि हर मरीज अलग है. उसकी समस्याएं, उसका बैकग्राउंड सब कुछ अलग होता है. केवल कैंसर के इलाज से मरीज का शरीर ही प्रभावित नहीं होता, बल्कि उसका पूरा परिवार भी प्रभावित होता है. इसलिए केवल बीमारी को ठीक करने की बजाय मरीज और उसके परिवार की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इलाज करना चाहिए. मरीज के साथ सहानुभूति और समझ बनाए रखना बहुत जरूरी है. हम इस दिशा में काम कर रहे हैं और इसी तरह आगे बढ़ रहे हैं.
कैंसर के मरीज ने कहा कि मुझे आठ- दस महीने पहले ब्रेस्ट में कैंसर हो गया था. मैंने यहीं इलाज लिया और ऑपरेशन सफल रहा. आयुष्मान योजना के तहत इलाज में कोई परेशानी नहीं आई और पैसे की कोई समस्या नहीं हुई. यहां के डॉक्टर और स्टाफ ने बहुत अच्छा सहयोग किया और आज मैं ठीक महसूस कर रही हूं. मुझे पूरा भरोसा था कि यहां इलाज अच्छा होगा और यह योजना मुफ्त में इलाज प्रदान करती है. सरकार की इस योजना से मुझे बहुत लाभ हुआ है.
मरीज के परिजन नरेश मानो ने कहा कि हमारे परिवार के सदस्य को कैंसर की तकलीफ हो गई थी और उनका ऑपरेशन आयुष्मान योजना के तहत हुआ. इलाज मुफ्त था और इससे हमें बहुत मदद मिली. हम गरीब लोग हैं, हमारे पास इतना पैसा नहीं था कि इलाज करा पाते. अगर यह योजना नहीं होती, तो हमारा घर बिक जाता और इलाज नहीं हो पाता. हम आयुष्मान योजना के लिए सरकार के आभारी हैं.
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पीएसके/एएस