दिल्ली की जनता ने शिक्षित मुख्यमंत्री चुनने का मन बना लिया है : प्रियंका कक्कड़

नई दिल्ली, 2 फरवरी . आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने रविवार को विपक्षी दलों भाजपा और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली की जनता उनकी “नकारात्मक राजनीति” को नकार देगी और फिर से एक शिक्षित मुख्यमंत्री चुनेगी.

प्रियंका कक्कड़ ने समाचार एजेंसी से कहा, “इन दोनों पार्टियों के पास न तो मुख्यमंत्री का चेहरा है और न ही कोई एजेंडा. इनके पास एक ही काम है कि सुबह उठो और (अरविंद) केजरीवाल को गालियां दो. लेकिन, दिल्ली की जनता ऐसी नकारात्मक राजनीति पसंद नहीं करती. दिल्ली की जनता ने मन बना लिया है कि फिर से एक शिक्षित व्यक्ति को मुख्यमंत्री चुनना है.”

दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए सोमवार की शाम चुनाव प्रचार थम जाएगा. आप की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “हम दिल्ली में एकमात्र पार्टी हैं जिसने सभी 70 उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी, अपना सीएम चेहरा घोषित कर दिया, अपनी आगामी योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की और अपने कामों को उजागर किया. लेकिन, अन्य पार्टियों के पास न तो कोई चेहरा है और न ही कोई एजेंडा.”

संसद में शनिवार को पेश आम बजट पर उन्होंने कहा कि जो होना चाहिए था, वह नहीं हुआ है. दूसरी तरफ आप देखेंगे कि आप की योजनाओं से दिल्ली के लोगों को हर माह 25 हजार रुपये की बचत होगी. बिजली, पानी, शिक्षा, परिवहन सुविधा सभी निःशुल्क होने से दिल्ली के लोगों की बचत हुई है. हमारी सरकार आने के बाद संजीवनी योजना, महिला सम्मान योजना, छात्रों को बस में मुफ्त सफर की योजना, मेट्रो में 50 फीसदी तक रियायत की योजना आदि से हर माह दिल्ली के लोगों बचत कर सकेंगे.

उल्लेखनीय है कि आम बजट से पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने “बचत पत्र” जारी किया था. उन्होंने दावा किया था कि आप सरकार की योजनाओं से हर महीने हर परिवार को 25 हजार हजार रुपये की सीधी बचत होगी. अगर भाजपा आई तो ये सभी योजनाएं बंद हो जाएंगी.

केजरीवाल ने कहा था कि फ्री बिजली से प्रतिमाह पांच हजार रुपये, फ्री शिक्षा से 10 हजार रुपये, फ्री इलाज से पांच हजार रुपये, फ्री बस सेवा से 2,500 रुपये और महिला सम्मान योजना से 2,100 रुपये की बचत होगी. अगर भाजपा आ गई तो ये सब बंद हो जाएगा. क्या मिडिल क्लास लगभग 25 हजार रुपये महीने का बोझ उठाने के लिए तैयार है.

डीकेएम/एकेजे