भोपाल, 1 फरवरी . मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा पेश आम बजट को निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि इस बजट में मध्य प्रदेश के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किए गए हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और नागरिकों की भलाई के लिए जरूरी थे.
कमलनाथ ने प्रदेश की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले से ही लचर है और प्रदेश लगातार कर्ज के दलदल में डूबता जा रहा है. राज्य के लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है.
किसानों और महिलाओं के लिए बजट में किए गए वादों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए गेहूं और धान का बढ़ा हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), किसानों की आमदनी दुगनी करने और लाडली बहनों को हर महीने तीन हजार रुपये देने जैसे वादों को पूरा करने के लिए राज्य को कोई मदद नहीं दी है. इन वादों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य को पर्याप्त वित्तीय सहायता नहीं दी.
कमलनाथ ने बजट में प्रदेश के युवाओं, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं होने की बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश के नौजवानों को रोजगार के अवसर देने, बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे आवश्यक क्षेत्रों में भी मध्य प्रदेश को इस बजट में कोई मदद नहीं मिली.
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं है, जो समाज के पिछड़े वर्गों के लिए निराशाजनक है. मध्यम वर्ग के लिए आयकर में दी गई छूट को कमलनाथ ने “ऊंट के मुंह में जीरा” बताया. उन्होंने कहा कि इस मामूली छूट से कोई बड़ी राहत नहीं मिलने वाली है.
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया. बजट में केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है कि 12 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस ‘ज्ञान’ (जीवाईएएन) यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति पर है. इसके साथ ही स्वास्थ्य, मैन्युफैक्चरिंग और मेक इन इंडिया, कृषि क्षेत्र, रोजगार और इनोवेशन पर भी सरकार का फोकस है.
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पीएसके/एकेजे