एबीवीपी ने शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले केंद्रीय बजट 2025-26 का किया स्वागत

नई दिल्ली, 1 फरवरी . अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) केंद्रीय बजट 2025-26 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 1,28,650 करोड़ और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 98,000 करोड़ रुपये के आवंटन का स्वागत किया है. संगठन की ओर से कहा गया है कि इन क्षेत्रों की प्रगति पर जोर देने वाली बजट घोषणाएं राष्ट्र को समग्र और व्यापक विकास की ओर ले जाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगी. उल्लेखनीय है कि कुल बजट का 2.54 प्रतिशत शिक्षा के लिए आवंटित किया गया है.

एबीवीपी ने कहा कि सरकार ने बजट में भारतीय मूल्यों को कायम रखते हुए देश की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए कई दूरदर्शी और निर्णायक उपाय पेश किए हैं.इसमें अगले पांच वर्षों के भीतर स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करना, भारतनेट परियोजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का विस्तार करना, छात्रों को उद्योगों की मांग के अनुकूल प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास हेतु एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करना, बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि और भारतीय भाषा पुस्तक योजना को लागू करना शामिल है.

एबीवीपी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र पर सरकार के फोकस की भी सराहना की है. बजट में इसके लिए 98,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इसमें सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम के तहत 8 करोड़ से अधिक बच्चों, 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण सहायता प्रदान करने की भी व्यवस्था की गई है. खाद्य विज्ञान में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना और कैंसर के इलाज की पहुंच में सुधार के लिए सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की घोषणा का भी स्वागत किया गया है.

एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, “केंद्रीय बजट 2025 भारत के 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षाओं और लक्ष्यों को दर्शाता है. शिक्षा क्षेत्र को 1,28,650 करोड़ और स्वास्थ्य क्षेत्र को 98,000 करोड़ रुपये आवंटित कर सरकार ने समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. यह बजट न केवल प्रगतिशील है बल्कि समावेशी भी है, जो हमारे राष्ट्र की जनसांख्यिकीय आवश्यकताओं के अनुकूल है.” एबीवीपी का दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा और स्वास्थ्य में ये रणनीतिक निवेश एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा.

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