भोपाल, 1 फरवरी . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट भाषण में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए. इसके बाद कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बजट में समाज के हर वर्ग के कल्याण का ध्यान रखा गया है. साथ ही कहा कि बजट में खेती के लिए एक और बड़ा कदम उठाया गया है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये बजट 140 करोड़ भारतीयों का बजट है. सम्पन्न, समृद्ध, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण का बजट है. बजट में समाज के हर वर्ग के कल्याण का ध्यान रखा गया है. इस बार ग्रामीण विकास के लिए बजट में वृद्धि करते हुए 1 लाख 88 हजार 754 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. प्रत्येक गरीब को पक्का आवास मिले, इसके लिए बजट में 54 हजार 832 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन के माध्यम से बहनों को सशक्त बनाने का अभियान चल रहा है. इसी काम को आगे बढ़ाने के लिए बजट में 19 हजार 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए वरदान है. अब तक किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत 3 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता था, इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बजट में खेती के लिए एक और बड़ा कदम उठाया गया है. 100 सबसे कम फसल उत्पादकता वाले जिलों में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ प्रारंभ की जाएगी. योजना में लगभग 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे. मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा.
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट भाषण में किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की. सीतारमण ने कहा कि एग्रीकल्चर एसएमई और एक्सपोर्ट सहित हमारा ध्यान विकास के 4 इंजन पर रहा है. एग्रीकल्चर हमारे लिए पहला इंजन है.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की जाएगी. इसके अलावा, बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा. किसानों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य योजना लाई जाएगी. पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा. खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्रीय तेल मिशन को चला रही है. 10 साल पहले हमने ठोस प्रयास किए थे और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी. तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है. इसका विवरण दिया गया है. केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से 4 साल के दौरान एजेंसियां दलहन खरीदेंगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों के उत्पादन पर भी ध्यान दिया जाएगा. सरकार छह साल का मिशन शुरू करेगी. इसके तहत दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी. नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी . यहां से पंजीकृत किसान दालों की खरीद कर पाएंगे.
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