महाकुंभ नगर, 30 जनवरी . मौनी अमावस्या के दिन संगम तट पर हुई भगदड़ ने कई लोगों की जान ले ली. इस हृदय विदारक घटना के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है.
इसी संदर्भ में गुरुवार को महाकुंभ नगरी पहुंचे उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर जाकर निरीक्षण किया. उन्होंने वाच टावर पर चढ़कर बारीकी से स्थिति का जायजा लिया. इस मौके पर मेला डीएम विजय किरन आनंद, एडीजी भानु भास्कर, एसपी कुंभ मेला राजेश द्विवेदी और अन्य उच्च अधिकारी भी मौजूद थे.
डीजीपी और मुख्य सचिव ने वाच टावर से पूरा क्षेत्र देखा और घटना के कारणों को समझने की कोशिश की. इसके बाद, दोनों हादसे में घायल लोगों को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य का हाल जाना. इसके बाद मीडिया से बात की.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा न्यायिक आयोग का गठन कर दिया गया है. वर्तमान में हम लोग बसंत पंचमी के स्नान के आयोजन के दौरान किस तरह बेहतर सुविधाएं दी जाएं, इस पर विचार कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त, जहां पर यह भगदड़ की घटना हुई थी, हमने उस स्थान का निरीक्षण किया और वहां से जुड़े सभी पहलुओं को समझने की कोशिश की.
उन्होंने आगे कहा कि हमने अस्पताल जाकर हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात की. सभी घायलों का अच्छे से इलाज चल रहा है. घायलों के परिवारजनों से भी हमारी विस्तृत वार्ता हुई. अस्पताल में एडमिट किसी भी व्यक्ति की स्थिति गंभीर नहीं है. कुछ लोगों को फ्रैक्चर है, जिनका इलाज चल रहा है. डॉक्टरों के अनुसार, ये लोग जल्द ही अपने घरों को लौट जाएंगे. हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और व्यवस्था और भी बेहतर की जाए.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अस्पताल में भर्ती किए गए लोगों को अलग-अलग तरह की इंजरी आई है. मेडिकल डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव भी हमारे साथ हैं और डॉक्टरों को समझाया गया है कि सभी का बहुत अच्छे से इलाज हो. उनके साथ जो अन्य लोग हैं, उनके लिए भी पूरी व्यवस्था की गई है. ये लोग अलग-अलग जगहों देवरिया, दिल्ली और बिहार से हैं. इन सभी के परिजनों से संपर्क कर लिया गया है. घायलों को समुचित इलाज किया जा रहा है. जब ये ठीक हो जाएंगे और डिस्चार्ज होने के लायक होंगे, तो उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि घायलों का इलाज और बाकी सभी व्यवस्थाएं सरकार की तरफ से उठाई जा रही हैं. घायलों में से किसी की जान को खतरा नहीं है, लेकिन कुछ लोगों को फ्रैक्चर है, जिनका इलाज तीन से चार हफ्ते तक चल सकता है. इन लोगों का इलाज अच्छे से किया जाएगा और ठीक होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा.
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