रांची, 30 जनवरी . झारखंड में चल रही ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ में गलत तरीके से लाभ लेने के लिए फर्जीवाड़ा के मामले लगातार पकड़े जा रहे हैं. बोकारो जिले में गुरुवार को लाभार्थियों की सूची के सत्यापन के दौरान 94 ऐसे नामों का खुलासा हुआ, जिन्हें एक ही बैंक खाते से लिंक किया गया था. बुधवार को भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जिसमें एक बैंक खाते से 95 लाभार्थियों को लिंक किया गया था.
बोकारो की उपायुक्त विजया जाधव ने बताया कि जिन दो बैंक खातों से कई लाभार्थियों को लिंक किया गया था, उनमें एक खाताधारक पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर निवासी मो. यूसुफ है. दूसरा बैंक खाता भी इसी जिले की सुफनी खातून के नाम पर है. इन दोनों बैंक खातों के साथ आवेदनों में दर्ज किए गए राशन कार्डों का ब्योरा भी फर्जी पाया गया है.
उपायुक्त ने कहा कि फर्जीवाड़े के इन मामलों में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से जिले में योजना के लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन के दौरान कुल 11,200 फर्जी आवेदन पाए गए हैं.
राज्य के गढ़वा जिले में भी पंद्रह दिन पहले इसी तरह का मामला पकड़ा गया था. इस जिले के खरौंधी थाना क्षेत्र के कूपा गांव में एक ही बैंक अकाउंट से आठ लाभार्थियों के नाम लिंक किए गए थे. इस मामले में फर्जीवाड़ा का मास्टरमाइंड कंप्यूटर ऑपरेटर पाया गया था, जिसने आठ महिलाओं के आवेदनों के साथ अपनी पत्नी के बैंक खाते को लिंक कर दिया था. इस मामले में गढ़वा के उपायुक्त ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
राज्य के सामाजिक सुरक्षा विभाग ने इस तरह की गड़बड़ियों की जांच के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्देश दिया है.
उल्लेखनीय है कि अगस्त, 2024 से शुरू हुई ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत राज्य में 56 लाख से भी अधिक महिलाओं के बैंक खाते में सरकार की ओर से प्रतिमाह एक हजार रुपए भेजे जा रहे थे. दिसंबर से यह राशि बढ़ाकर 2,500 रुपए कर दी गई है.
हालांकि, जनवरी महीने में इस योजना की किस्त का भुगतान नहीं किया गया. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो योजना में बड़े पैमाने पर गलत तरीके से लाभ लेने वालों को चिन्हित करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वास्तविक लाभार्थियों के खाते में रकम भेजी जाएगी.
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एसएनसी/एबीएम