सिंथेटिक फाइबर आधारित वस्त्र उद्योग के लिए ओडिशा अगला वैश्विक इंजन बन सकता है : ओर्लिकान के निदेशक देवब्रत घोष

भुवनेश्वर, 27 जनवरी . ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 28 और 29 जनवरी को आयोजित होने वाले ‘उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025’ की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. इस कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने भारत आए विश्व की टेक्सटाइल मशीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक ओर्लिकान (ओईआरएलआईकेओएन) के निदेशक और मार्केटिंग प्रमुख देवब्रत घोष ने कहा कि सिंथेटिक फाइबर आधारित वस्त्र उद्योग के लिए ओडिशा अगला वैश्विक इंजन बन सकता है.

उन्होंने से बात करते हुए कहा, “मैं भारत में ओर्लिकान का निदेशक और मार्केटिंग प्रमुख हूं, जिसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड और जर्मनी में है. मैं यहां ओडिशा में हूं क्योंकि सिंथेटिक फाइबर आधारित वस्त्र उद्योग के लिए ओडिशा अगला वैश्विक इंजन बन सकता है. इंडियन ऑयल और एमसीटीआई ने ओडिशा में संयुक्त उद्यम की घोषणा की है और वे एक स्पिनिंग प्लांट स्थापित करेंगे, जो फाइबर आधारित उद्योग और ओडिशा में सरकार की योजनाओं के विकास के लिए आधार बनाएगा.”

उन्होंने कहा, “यह पूर्वी भारत में अभी तक नहीं था और ओडिशा इस दिशा में अग्रणी बनेगा, क्योंकि इस क्षेत्र में एक बड़ा एकीकृत संयंत्र नहीं है और पूर्वी भारत की कुल जनसंख्या को देखते हुए, 50 प्रतिशत से अधिक लोग ओडिशा में रहते हैं, इसलिए ओडिशा को कई फायदे मिलेंगे जैसे कि यहां पोर्ट हैं, खनिज संसाधन हैं, और सस्ती श्रम शक्ति उपलब्ध है. मैं यह देखता हूं कि ओडिशा के लिए सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से वस्त्र और उद्योगों में निवेश आकर्षित करने के लिए एक उज्जवल भविष्य है.”

उन्होंने कहा, “भारत लगातार 8 प्रतिशत की विकास दर से बढ़ रहा है. साल 2000 में हमारे देश की कुल जीडीपी 442 बिलियन डॉलर थी. साल 2025 तक हम लगभग 4 ट्रिलियन तक पहुंचने जा रहे हैं, और 2046 तक भारत की अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. इसका मतलब है कि अगले 20 वर्षों में भारत का मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र कम से कम 12 प्रतिशत तक बढ़ेगा. भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, इसलिए, प्रधानमंत्री मोदी भारत को एक बार फिर एक महान देश बनाएंगे, जिसमें एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग बेस होगा और यह एक औद्योगिकृत और जीवन की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. हम सभी इस पर विश्वास करते हैं.”

पीएसएम/एबीएम