नई दिल्ली, 27 जनवरी . कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को एक रैली को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं के महाकुंभ स्नान को लेकर एक विवादित बयान दिया. खड़गे ने कहा कि क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर हो जाएगी? उनके इस बयान पर भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी.
संबित पात्रा ने कहा कि आज आपने देखा कि गृहमंत्री अमित शाह ने महाकुंभ महापर्व में स्नान किया और संगम में डुबकी लगाई. महाकुंभ, जो करोड़ों वर्षों से सनातन आस्था का प्रतीक है, पूरे विश्व में सम्मानित है. मुझे दुख है कि जहां इस आस्था के प्रति पूरे विश्व में श्रद्धा है, वहीं भारत में देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने महाकुंभ और इस आस्था का मजाक उड़ाया है.
उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में कहा कि क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर हो जाएगी? क्या इससे लोगों को नौकरी मिल जाएगी? यह सुनकर करोड़ों लोगों को दुख हुआ. उन्होंने इस आस्था का मखौल उड़ाया. मैं आज चुनौती देता हूं कि क्या मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस पार्टी किसी अन्य धर्म की आस्था पर ऐसी टिप्पणी कर सकते हैं? क्या वह इफ्तार पार्टी के बारे में ऐसा कह सकते हैं कि उससे गरीबी दूर हो जाती है या लोगों को नौकरी मिल जाती है?
संबित पात्रा ने आगे कहा कि देशभर से हजारों लोग हज यात्रा पर जाते हैं, हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि यह भी आस्था का विषय है. लेकिन, यहां गंगा मां के प्रति जो आस्था है, उसके बारे में इस तरह के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना उचित नहीं है. राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूरे हिंदुस्तान से माफी मांगनी चाहिए.
पात्रा ने आगे कहा कि यह वही मल्लिकार्जुन खड़गे हैं, जिन्होंने कहा था कि यदि वह सत्ता में आए तो सनातन को समाप्त कर देंगे. राहुल गांधी इटली जाकर स्विमिंग पूल में डुबकी लगाइए, हमें कोई आपत्ति नहीं है. आप विदेशों जाकर डुबकी लगाते भी हैं, हमें उससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन गंगा मां के खिलाफ इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करना, गंगा मां और प्रयागराज जैसे पावन स्थलों और महापर्व महाकुंभ के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ करना, यह बिल्कुल उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि एक तरफ गृहमंत्री हैं, जिनके पास हजारों काम हैं, लेकिन फिर भी वह इस देश की आस्था का सम्मान करते हुए उसे निभाते हैं. वहीं, दूसरी तरफ कुछ लोग हैं, जो इस आस्था का मजाक उड़ाते हैं. हमारी करोड़ों वर्षों पुरानी आस्था, गंगा मां के रूप में पूजनीय है. गंगा केवल नदी नहीं है, हमारे लिए वह मां हैं. जब हम अंजुली में गंगा के पानी को लेकर नमन करते हैं, तो वह करोड़ों विश्वासों को जागृत करता है. एक ओर वह लोग हैं, जो इस आस्था को जीवित रखते हैं और करोड़ों लोगों के साथ खड़े रहते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग, कांग्रेस पार्टी के लोग, इस आस्था का मखौल उड़ाते हैं और सनातन धर्म के खिलाफ बोलते हैं.
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पीएसके/एबीएम