अहमदाबाद, 27 जनवरी . उत्तराखंड ‘समान नगारिक संहिता’ (यूसीसी) लागू करने करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. सीएम आवास के मुख्य सेवक सदन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उन्होंने ‘समान नागरिक संहिता उत्तराखंड- 2024’ को लागू किए जाने पर नियमावली और पोर्टल का लोकार्पण किया. इसके बाद कहा कि यूसीसी किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि सबके लिए है.
उन्होंने कहा कि आज का दिन न केवल हमारे उत्तराखंड, बल्कि पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि आज हम समानता स्थापित करने के मकसद से बनाई ‘समान नागरिक संहिता’ को देवभूमि उत्तराखंड में लागू करने जा रहे हैं. मैं उन सभी का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने ‘समान नागरिक संहिता’ को बनाने की दिशा में अपना अहम योगदान दिया.
उन्होंने कहा, “यूसीसी बनाने वाली हमारी टीम ने 2 लाख 35 हजार लोगों को इससे जोड़ने का प्रयास किया. इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों से सुझाव भी लिए गए. लेकिन, सही मायने में अगर इस गंगा को निकालने का श्रेय किसी को जाता है, तो वह देवभूमि उत्तराखंड है.”
उन्होंने कहा, ” उत्तराखंड की जनता ने हमें इसके लिए अपना आशीर्वाद दिया. आज यूसीसी लागू करके हम लोग संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं. हमने जनता से किया हुआ अपना वादा पूरा किया है.”
सीएम धामी के मुताबिक यूसीसी महिलाओं को सशक्त बनाने में यह अहम भूमिका निभाएगा. बोले, “यूसीसी से महिलाएं सशक्त होंगी और हलाला, बहुविवाह जैसी कुप्रथा पर रोक लगेगी. यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी. इससे सभी नागरिकों के अधिकार और दायित्व एक समान होंगे.”
बता दें कि 2022 के चुनाव से एक दिन पहले धामी ने यूसीसी की घोषणा की थी. सरकार बनाने के बाद मार्च 2022 की पहली कैबिनेट में समिति गठन को मंजूरी दी गई. इसे लेकर समिति ने ढाई लाख लोगों से 20 लाख सुझाव ऑफलाइन और ऑनलाइन प्राप्त किए थे.
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एसएचके/केआर