मुंबई, 25 जनवरी . गणतंत्र दिवस के अवसर पर अभिनेता गुरमीत चौधरी ने भारतीय सेना के साथ अपने गहरे संबंध को साझा किया. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि सेना के अधिकारियों ने उनका नाम रखा था.
बता दें कि वह आर्मी फैमिली से संबंध रखते हैं. गुरमीत के पिता अधिकारी के रूप में कार्यरत थे. अभिनेता का पालन-पोषण एक सैन्य परिवार में हुआ, इसलिए गुरमीत चौधरी का जीवन काफी अनुशासित रहा है.
अपने सफर को याद करते हुए गुरमीत चौधरी ने कहा, “सेना ने मेरे जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है. बहुत कम लोग जानते हैं कि मेरा नाम गुरमीत असल में मेरे पिता के पंजाबी अफसर दोस्तों ने दिया था. ये सभी लोग पंजाब रेजिमेंट का हिस्सा थे. इसलिए, एक तरह से मेरा नाम सेना का सार है.”
गुरमीत ने बताया, “एक सेना के बच्चे के रूप में बड़ा होना शानदार अनुभवों से भरा पड़ा है. एक पोस्टिंग से दूसरी पोस्टिंग पर जाना, यह अलग ही दुनिया थी.”
सेना में भर्ती को लेकर अभिनेता ने कहा, “कई लोगों ने मान लिया था कि मैं अपने पिता के नक्शेकदम पर चलूंगा और सेना में शामिल हो जाऊंगा, लेकिन मैं हमेशा से अभिनय की दुनिया में अपना करियर बनाना चाहता था. शुरू में मेरे पिता को संदेह था, उन्हें लगता था कि अभिनय में करियर बनाना सही नहीं है. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया और लोग उन्हें ‘गुरमीत के पापा’ के रूप में पहचानने लगे. इसके बाद वह मेरे सबसे मजबूत समर्थक बन गए.”
अभिनेता ने बताया कि उन्होंने भले ही अभिनय में अपना करियर बना लिया लेकिन सेना के लिए उनका प्यार कभी कम नहीं हुआ. अपने ‘कमांडर करण सक्सेना’ जैसे प्रोजेक्ट के साथ उन्होंने देश की सेना के साथ पिता को सम्मान देने का काम किया है.
अभिनेता का मानना है कि ‘कमांडर करण सक्सेना’ में एक सेना अधिकारी की भूमिका निभाना उनके उन मूल्यों के लिए सम्मान है, जो उन्हें उनके पिता से मिली है. उन्होंने कहा, “देश की सेना के लिए मेरा सम्मान इतना गहरा है कि मैंने एक बार देश की सेवा करने के लिए भर्ती होने के बारे में सोचा था, हालांकि, मैं शामिल नहीं हो सका. मैं अपने काम के माध्यम से उनकी वीरता की कहानियों को जीवंत करके और दुनिया को उनकी बहादुरी दिखाकर उनके बलिदानों का सम्मान करने का प्रयास करता रहूंगा.”
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एमटी/