सना, 25 जनवरी, . यमन के हूती विद्रोहियों ने 153 युद्ध बंदियों को शनिवार को एकतरफा रिहा कर दिया. यह जानकारी रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) ने दी. रिहा किए गए बंदियों में वो लोग शामिल हैं जिन्हें हूती ग्रुप ने हाल के वर्षों में यमन सरकार के बलों के साथ गृह युद्ध के दौरान हिरासत में लिया.
यमन में आईसीआरसी के प्रवक्ता इस्कंदर सईद ने सना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अंसारुल्लाह (हूती) ने आज 153 युद्ध बंदियों को एकतरफा रिहा कर दिया.” उन्होंने कहा, “आईसीआरसी ने कैदियों की रिहाई के लिए सभी पक्षों को प्रोत्साहित करने की पहल की.”
यमन में आईसीआरसी के प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख क्रिस्टीन सिपोला ने कहा, “यह ऑपरेशन उन परिवारों के लिए बहुत जरूरी राहत और खुशी लेकर आया जो अपनों की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. हम जानते हैं कि कई अन्य परिवार भी अपने प्रियजनों से फिर से मिलने के मौके का इंतजार कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि आज की रिहाई से ऐसे कई और पल आएंगे.”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हूती कैदियो के मामलों की समिति के प्रमुख अब्दुल कादर अल-मुर्तदा ने एक बयान में कहा कि रिहा किए गए लोगों में बीमार, घायल और बुजुर्ग शामिल थे.
अल-मुर्तदा ने कथित तौर पर कहा, “इस पहल का लक्ष्य विश्वास का निर्माण करना और गंभीर और ईमानदार व्यवहार का एक नया चरण स्थापित करना है.”
हूती विद्रोहियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वे लाल सागर गलियारे में जहाजों पर अपने हमलों को सीमित करेंगे और गैलेक्सी लीडर जहाज के 25 सदस्यीय चालक दल को रिहा कर देंगे. जहाज को हूती विद्रोहियों ने नवंबर 2023 में अपने कब्जे में लिया था.
विद्रोहियों की तरफ से यह घोषणा गाजा में युद्धविराम के बाद की गई.
बता दें उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण करने वाला हूती ग्रुप फिलिस्तीनियों के समर्थन में नवंबर 2023 से इजरायल के खिलाफ रॉकेट और ड्रोन हमले किए और लाल सागर में ‘इजरायल से जुड़े’ जहाजों को निशाना बनाया. इसके जवाब में इजरायील सेना ने हूती ठिकानों को निशाना बनाया. वहीं क्षेत्र में तैनात अमेरिकी-ब्रिटिश नौसेना गठबंधन ने हूती ग्रुप को रोकने के लिए नियमित रूप से हवाई हमले भी किए.
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