युगांडा में खसरे के प्रकोप से पांच बच्चों की मौत

कंपाला, 24 जनवरी . युगांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश के उत्तर-पूर्वी जिलों नाबिलातुक और अमुदात में खसरा से पांच बच्चों की मौत हो गई है. नाबिलातुक में चार और अमुदात में एक बच्चे की जान गई. इसके अलावा, 11 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और 5 अन्य को बाहरी विभाग में इलाज दिया जा रहा है.

मंत्रालय ने 6 जनवरी को अमुदात जिले में खसरा का प्रकोप होने की पुष्टि की. मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार नाबिलातुक में अब तक 147 मामले और 4 मौतें दर्ज हुई हैं, जबकि अमुदात में 47 मामले और 1 मौत की सूचना है.

अमुदात जिले की टास्क फोर्स ने 15 जनवरी को पहली बैठक की, जिसमें बीमारी को रोकने और नियंत्रण के लिए संसाधन जुटाने की योजना बनाई गई. सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, पिछले साल देश के 56 जिलों में खसरा का प्रकोप देखा गया था.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो वायरस के कारण होती है. यह संक्रमित व्यक्ति के सांस लेने, खांसने या छींकने से फैलती है. खसरा खासतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है और गंभीर बीमारी, जटिलताओं और मौत का कारण बन सकता है.

खसरा सांस तंत्र को प्रभावित करता है और पूरे शरीर में फैल जाता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और पूरे शरीर पर दाने शामिल हैं.

खसरा से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है. यह टीका सुरक्षित है और शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता है.

1963 में खसरा का टीका आने से पहले हर दो से तीन साल में बड़े पैमाने पर खसरा की महामारी फैलती थी, जिससे हर साल लगभग 26 लाख मौतें होती थीं. 2023 में खसरा से 1,07,500 लोगों की मौत हुई, जिनमें अधिकांश पांच साल से कम उम्र के बच्चे थे, जबकि सुरक्षित और सस्ता टीका उपलब्ध है.

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