मालेगांव फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में तहसीलदार, नायब तहसीलदार निलंबित, किरीट सोमैया ने किया स्वागत

मुंबई, 23 जनवरी . महाराष्ट्र के मालेगांव में रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को जारी हुए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में राज्य सरकार ने तत्कालीन तहसीलदार नितिन कुमार देवरे और नायब तहसीलदार संदीप धरणकर को निलंबित कर दिया है. दोनों को विभागीय जांच का सामना करना पड़ेगा. भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने सरकार की इस कार्रवाई का स्वागत किया है.

किरीट सोमैया ने वीडियो जारी कर कहा, “मालेगांव में रोहिंग्या बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र घोटाले में महाराष्ट्र सरकार ने तत्कालीन तहसीलदार नितिन कुमार देवरे और नायब तहसीलदार संदीप धरणकर को निलंबित किया है. इन लोगों ने 3,977 रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को जन्म प्रमाणपत्र अवैध रूप से जारी किए. मैं राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत करता हूं.”

आदेश में कहा गया है कि मालेगांव के नायब तहसीलदार संदीप धरणकर ने पद पर रहते हुए सरकारी निर्देशों के अनुसार आधिकारिक कर्तव्यों का पालन नहीं किया और सरकारी कर्तव्यों में पर्याप्त गंभीरता नहीं दिखाते हुए जन्म प्रमाणपत्र जारी करने में कर्तव्य की उपेक्षा की. महाराष्ट्र सिविल प्रक्रिया संहिता के नियम 3 और सेवा (आचरण) नियम, 1979 का उल्लंघन किया गया. इस पर विभागीय जांच शुरू की गई है और महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1979 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1979 के प्रावधानों के अनुसार, संदीप धरणकर को तत्काल प्रभाव से सरकारी सेवा से निलंबित किया गया है. निलंबन अवधि के दौरान, उनका मुख्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय, नासिक रहेगा और उन्हें जिला कलेक्टर, नासिक की पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी.

निलंबन अवधि के दौरान संदीप धरणकर किसी निजी नौकरी को स्वीकार नहीं करेंगे, न ही किसी व्यापार या कारोबार में संलग्न होंगे. अगर ऐसा होता है, तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, उन्हें निलंबन भत्ते के भुगतान से पहले यह प्रमाणपत्र देना होगा कि उन्होंने कोई निजी नौकरी स्वीकार नहीं की है या किसी व्यापार में संलग्न नहीं हैं.

पीएसएम/एकेजे