मुंबई, 23 जनवरी . बॉलीवुड फिल्म निर्देशक और प्रोड्यूसर राम गोपाल वर्मा को चेक बाउंस मामले में अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने तीन महीने की सजा सुनाई है. यह मामला सात साल पुराना है, लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने राम गोपाल वर्मा को दोषी ठहराया है.
अदालत ने राम गोपाल वर्मा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है, क्योंकि वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुए थे.
मामला श्री नामक कंपनी द्वारा 2018 में दायर किया गया था, जिसमें महेश चंद्र मिश्रा के माध्यम से राम गोपाल वर्मा की फर्म के खिलाफ चेक बाउंस का आरोप लगाया गया था. आरोप था कि वर्मा ने एक चेक जारी किया था, जो बाउंस हो गया. इसके बाद शिकायतकर्ता ने अदालत का रुख किया था.
अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राम गोपाल वर्मा को दोषी ठहराया और उन्हें तीन महीने कैद की सजा सुनाई. इसके अलावा, कोर्ट ने वर्मा को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता को 3.72 लाख रुपये का मुआवजा भी दें. सात साल तक इस मामले की सुनवाई के बावजूद राम गोपाल वर्मा कोर्ट में पेश नहीं हुए, जिसके चलते कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.
चेक बाउंस का मामला तब बनता है जब कोई व्यक्ति चेक जारी करता है, लेकिन वह चेक बैंक में जमा करने पर बाउंस हो जाता है. चेक बाउंस होने की स्थिति में शिकायतकर्ता के पास कानूनी विकल्प होते हैं, जिसमें आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
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पीएसके/एकेजे