नई दिल्ली, 23 जनवरी . ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ थीम के अंतर्गत कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस परेड में 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों की 16 झांकियों समेत कुल 31 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में रिपब्लिक ऑफ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे.
खास बात ये है कि इस बार कर्तव्य पथ पर पहली बार मौसम विभाग की झांकी नजर आएगी. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन मौसम विभाग की झांकी इससे पहले कभी भी परेड में शामिल नहीं हुई.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (आईएमडी) की थीम ‘आधुनिक विज्ञान चरम मौसम की भविष्यवाणी कर रहा है – जीवन और आजीविका की रक्षा कर रहा है’ रखी गई है.
झांकी में भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 वर्षों के योगदान को दर्शाया जाएगा, जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत समाज और मौसम विज्ञान में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने में सहायक रही है. झांकी का अग्रभाग चक्रवात जागरूकता प्रयासों को प्रदर्शित करता है, जिसमें चक्रवात दाना का प्रभावशाली चित्रण शामिल है, जो समय पर दी गई चेतावनियों की वजह से शून्य जनहानि को रेखांकित करता है.
मध्य भाग में किसानों के लिए उठाए गए कदमों पर जोर दिया गया है, जो यह दिखाता है कि मोबाइल मौसम चेतावनियों ने कृषि में क्रांति लाकर फसल प्रबंधन और आजीविका को कैसे बेहतर बनाया है. झांकी का अंतिम भाग चार प्रमुख समुदायों पर मंत्रालय के प्रभाव को दर्शाता है. मछुआरे, जो समय पर चेतावनियों से खतरनाक समुद्र से बचते हैं. पायलट, जो अद्यतन मौसम जानकारी के साथ सुरक्षित उड़ान भरते हैं. माएं, जो ग्रामीण भारत में अपने बच्चों को चरम मौसम से बचाती हैं और वैज्ञानिक, जो जलवायु परिवर्तन का अध्ययन कर हमारे ग्रह को बेहतर समझने का प्रयास करते हैं.
झांकी में जीवंत पात्र विभिन्न मौसम संबंधी उपकरणों के साथ खड़े होकर, मौसम डेटा को एकत्र और विश्लेषण करने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं. यह झांकी, सटीक और समय पर मौसम सेवाओं के माध्यम से जीवन रक्षा, समुदायों को सशक्त बनाने, और लचीलापन विकसित करने में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करती है, जिसमें इनोवेशन और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का समावेश है.
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एसके/एबीएम