नालंदा, 22 जनवरी . बिहार में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को रेलवे क्लेम घोटाले में एक बड़ी कार्रवाई की है. प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर ईडी ने छापेमारी की. इनमें नालंदा जिले का इस्लामपुर थाना क्षेत्र भी शामिल है. इस घोटाले में आरोप है कि रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए करीब 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है.
ईडी की टीम ने नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना क्षेत्र के मुजफ्फरा गांव में स्थित परमानंद सिन्हा के घर पर छापेमारी की. परमानंद सिन्हा के भाई पेशे से वकील विद्यानंद सिंह उर्फ विवेक सिंह की इस घोटाले में भूमिका अहम होने की बात सामने आ रही है. विद्यानंद सिंह रेलवे क्लेम से जुड़े मामलों को संभालते हैं और लोगों को क्लेम दिलवाने का काम करते हैं. ईडी की टीम ने परमानंद सिन्हा के घर से कई अहम दस्तावेजों को जब्त किया है, जिनसे इस घोटाले की गहराई का पता चल सकता है.
ईडी की यह कार्रवाई सुबह 5 बजे के आसपास शुरू हुई, जब ईडी की टीम मुजफ्फरा गांव पहुंची. टीम के पास दो गाड़ियां थीं और इसमें लगभग एक दर्जन सदस्य शामिल थे. 10 घंटों से ईडी की टीम परमानंद सिन्हा के घर की जांच-पड़ताल कर रही है. ईडी की यह कार्रवाई केवल नालंदा तक सीमित नहीं है, बल्कि बिहार के पटना और कर्नाटक के मंगलुरु में भी छापेमारी की जा रही है. इस पूरे मामले में कई न्यायिक अधिकारी, वकील और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
इस घोटाले की शुरुआत सीबीआई की एफआईआर से हुई थी. सीबीआई ने अपनी जांच में यह पाया कि रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया था. रेलवे कर्मचारियों के नाम पर दायर किए गए दावों में कहा जाता था कि कर्मचारी दुर्घटना या बीमारी के शिकार हुए हैं और उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए. इस घोटाले में आरोप है कि इन दावों के आधार पर बड़ी रकम हड़प ली गई.
रेलवे क्लेम घोटाले में यह आरोप है कि रेलवे के कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दावे पेश किए जाते थे, इसमें यह दावा किया जाता था कि कर्मचारी किसी दुर्घटना या बीमारी का शिकार हुए हैं और उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए. इस प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने बड़े पैमाने पर सरकारी धन का गबन किया.
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पीएसके/