मध्य प्रदेश की अधोसंरचना विकास के लिए दें सुझाव : मुख्यमंत्री मोहन यादव

भोपाल, 22 जनवरी . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के अधोसंरचना विकास को लेकर नागरिकों से सकारात्मक सुझाव आमंत्रित किए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में जन-सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है. नागरिक अपने बहुमूल्य सुझाव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज सकते हैं. सरकार इन सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगी. अच्छे सुझावों पर अमल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि 23 जनवरी को भोपाल में जीजी फ्लाई ओवर (गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक) का लोकार्पण होगा. यह फ्लाई ओवर शहर के यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने और नागरिकों को जाम की समस्या से राहत दिलाने के उद्देश्य से बनाया गया है. इसके लोकार्पण से क्षेत्र के निवासियों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यातायात में होने वाली असुविधा भी स्थायी रूप से दूर होगी.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह लोकार्पण सरकार के 11 दिसंबर 2024 से 26 जनवरी 2025 तक प्रदेश में चलाए जा रहे ‘मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान’ के अंतर्गत विकास कार्यों के जरिए प्रदेश की जनता को दी जा रही सुविधाओं में से एक है.

भोपाल शहर में मैदा मिल मार्ग पर गायत्री मंदिर से डीबी मॉल चौराहा, बोर्ड ऑफिस चौराहा, प्रगति चौराहा से मानसरोवर कॉम्प्लेक्स होते हुए गणेश मंदिर तक निर्मित फ्लाई ओवर 2,900 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा है. यह मैदा मिल मार्ग को विद्या नगर, शक्ति नगर, कस्तूरबा नगर, साकेत नगर, दानिश नगर, आशिमा मॉल और एम्स जैसे प्रमुख रिहायशी और वाणिज्यिक क्षेत्रों से जोड़ता है.

इसके अलावा, औबेदुल्लागंज, नर्मदापुरम, बैतूल, खंडवा और जबलपुर की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए भी यह मार्ग को सुगम बनाएगा. यह फ्लाई ओवर डीबी मॉल, बोर्ड ऑफिस, प्रगति पेट्रोल पंप और मानसरोवर चौराहे जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर यातायात का दबाव कम करेगा. प्रारंभिक आकलन के अनुसार 60 प्रतिशत यातायात इस फ्लाईओवर से गुजरेगा, जबकि शेष 40 प्रतिशत यातायात पुराने मार्गों का उपयोग करेगा.

फ्लाई ओवर की एक शाखा डीबी मॉल चौराहे से भोपाल हाट (मंत्रालय मार्ग) की ओर जाती है, जिससे वल्लभ भवन तथा अरेरा हिल्स पर स्थित समस्त राज्य स्तरीय कार्यालयों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को पीक आवर्स में लगने वाले जाम से राहत मिलेगी. यातायात सुगम होने से नागरिकों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने में समय की बचत होगी और वाहन प्रदूषण में भी कमी आएगी, जिससे भोपाल शहर के नागरिकों को राहत मिलेगी.

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