महाकुंभ नगर, 22 जनवरी . विश्व के सबसे बड़े धार्मिक-सामाजिक समागम ‘महाकुंभ 2025’ में जहां एक तरफ दुनियाभर के आस्थावानों का जुटान हो रहा है, वहीं प्रदेश की योगी सरकार ने भी इस महाकुंभ के जरिए सूबे को ‘महासौगात’ दे दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को तीर्थराज प्रयागराज में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें योगी सरकार ने प्रदेश के विकास को गति देने के लिए 10 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी.
इसमें उत्तर प्रदेश को एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में ‘महारथी’ बनाने के उद्देश्य से नई नीति को मंजूरी दी गई है. इसके अंतर्गत 50 हजार करोड़ के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य है. इस नीति के लागू होने के बाद प्रदेश के 1 लाख युवाओं को सीधे-सीधे रोजगार मिलने की प्रबल संभावना है.
महाकुंभ नगर से प्रदेश को ‘महासौगात’ देने के क्रम में अन्य अहम प्रस्तावों में विदेशी कंपनियों को उद्योग स्थापित करने के लिए एफडीआई नीति में योगी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है. इसके अंतर्गत योगी सरकार भूमि पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी. इसके अलावा योगी सरकार ने यूपी औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में भी बड़े सुधारों की तरफ कदम बढ़ाए हैं.
महाकुंभ नगर के त्रिवेणी संकुल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ. इस दौरान ‘उत्तर प्रदेश एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2024’ को मंजूरी दी गई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा उत्तर प्रदेश को एक अग्रणी एयरोस्पेस तथा रक्षा केंद्र बनाने पर है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए स्वदेशी क्षमताओं, नवाचार और वैश्विक सहयोग को गति मिल सकेगी. इस नीति का उद्देश्य यूपी में एयरोस्पेस और रक्षा (ए एंड डी) क्षेत्र को सशक्त बनाना है. इसके अंतर्गत यूपी रक्षा औद्योगिक गलियारा (यूपीडीआईसी) में एक मजबूत, विश्व स्तरीय, उच्च प्रौद्योगिकी और कुशल ‘ए एंड डी’ मैन्युफैक्चरिंग वातावरण बनाना है.
इसके अलावा ‘ए एंड डी’ क्षेत्र में आधुनिकतम केंद्र विकसित करने के लिए स्टार्टअप और निवेश को भी आकर्षित किया जाएगा. यही नहीं यूपी रक्षा औद्योगिक गलियारा में स्टार्टअप और एमएसएमई के कौशल और क्षमता विकास के लिए ‘ए एंड डी’ आधारित सामान्य सुविधा केंद्र बनाने पर भी योगी सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिए हैं. राज्य में प्रमुख ‘ए एंड डी’ विनिर्माण परियोजनाओं और डीपीएसयू को आकर्षित करना, अनुसंधान को बढ़ावा देना भी इस नीति का प्रमुख हिस्सा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट मंशा है कि राज्य में उन कंपनियों के विकास को बढ़ावा दिया जाए, जो ‘ए एंड डी’ में भारत की आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण का समर्थन करती हो. इस नीति के जरिए ‘ए एंड डी’ सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सॉफ्टवेयर विकास केंद्र को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
नीति के अंतर्गत अगले पांच साल में 50 हजार करोड़ के निवेश को आकर्षित करने के साथ ही 1 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे. इस नीति के अंतर्गत ‘ए एंड डी’ सेक्टर की यूनिट्स को ‘फ्रंट एंड सब्सिडी’ भी प्रदान की जाएगी. इसमें लैंड सब्सिडी, स्टैम्प ड्यूटी एग्जम्पशन और कैपिटल सब्सिडी भी दी जाएगी. साथ ही परिवहन शुल्क पर छूट जैसी सुविधाएं भी योगी सरकार प्रदान करेगी. यही नहीं महिला उद्यमियों को इस नीति के जरिए बड़ी राहत दी जाएगी.
बता दें कि रक्षा मंत्रालय द्वारा देश में 2025-26 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा उत्पादन को दोगुना करके 25 बिलियन यूएस डॉलर और निर्यात को 5 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसा आंकलन है कि 2047 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा विनिर्माण क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में 25 प्रतिशत का योगदान होगा. इसे देखते हुए रक्षा मंत्रालय की ओर से देश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में स्थापित किए गए हैं.
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एसके/एबीएम