डायमंड सेक्टर को उभारने के लिए केंद्र सरकार ने पेश की नई स्कीम

नई दिल्ली, 22 जनवरी . भारत के डायमंड सेक्टर की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए सरकार ने डायमंड इम्प्रेस्ट ऑथराइजेशन (डीएआई) स्कीम पेश की है. इस स्कीम को एक अप्रैल से लागू किया जाएगा.

वाणिज्य विभाग के अनुसार, यह योजना प्राकृतिक रूप से कटे और पॉलिश किए गए हीरों के शुल्क मुक्त आयात के लिए एक सुव्यवस्थित सिस्टम प्रदान करती है, जिससे मूल्य संवर्धन और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

यह स्कीम एक-चौथाई कैरेट (25 सेंट) से कम आकार के प्राकृतिक कटे और पॉलिश किए गए हीरों के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति देती है. इस स्कीम में कंपनियों के लिए 10 प्रतिशत मूल्य संवर्धन के साथ डायमंड निर्यात को अनिवार्य किया गया है.

सरकार ने कहा, “टू स्टार एक्सपोर्ट हाउस या उससे ऊपर का दर्जा रखने वाले और प्रति वर्ष 15 मिलियन डॉलर का निर्यात करने वाले सभी हीरा निर्यातक इस योजना के तहत लाभ लेने के पात्र हैं.”

इस योजना का उद्देश्य डायमंड इंडस्ट्री की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में भारत की वैश्विक अग्रणी स्थिति को बनाए रखना भी है.

डायमंड इंडस्ट्री भारी गिरावट का सामना कर रही है. निर्यात में बड़ी कमी आई है और इसके साथ ही नौकरियों में गिरावट हुई है. इस स्कीम से डायमंड इंडस्ट्री के उभरने की उम्मीद है.

इस स्कीम के आने से रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ घरेलू डायमंड इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी.

जेम्स और ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के ताजा डेटा के मुताबिक, दिसंबर 2024 में कुल जेम्स और ज्वेलरी निर्यात 1,967.98 मिलियन डॉलर रहा है. इसमें पिछली साल की समान अवधि के मुकाबले 10.29 प्रतिशत की गिरावट हुई थी.

काउंसिल ने कहना कि आर्थिक अस्थिरता के कारण खरीदारों का झुकाव सुरक्षित एसेट्स होने के कारण गोल्ड की ओर हो गया है. वहीं, लाइफस्टाइल पर लोग कम खर्च कर रहे हैं.

एबीएस/