नई दिल्ली, 21 जनवरी . छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण नक्सली नेता जयराम उर्फ चलपति था, जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम था.
छत्तीसगढ़ पुलिस के अनुसार, जयराम नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था, जो एक नक्सली नेता होने के साथ-साथ सुरक्षा बलों के लिए बड़ा खतरा भी माना जाता था. चलपति छत्तीसगढ़ और आसपास हुए कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा है. एक करोड़ के इनामी चलपति का असली नाम जयराम रेड्डी बताया जा रहा है. उसे नक्सली संगठन में रामचंद्र रेड्डी अप्पाराव या रामू के नाम से भी जाना जाता था. आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के माटेमपल्ली गांव के रहने वाले रेड्डी ने केवल 10वीं तक पढ़ाई की थी.
चलपति का मारा जाना पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है. उसकी मौत से नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका लग सकता है. जयराम जैसे नेताओं की पहचान अक्सर सुरक्षाबलों के लिए चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि वे जंगलों और दुर्गम इलाकों में छिपे रहते हैं.
अबूझमाड़ क्षेत्र में लगातार मुठभेड़ों और सुरक्षाबलों की बढ़ती कार्रवाई के कारण कई नक्सली नेताओं को अपने ठिकाने बदलने पर मजबूर होना पड़ा था. इसी वजह से चलपति ने अपना ठिकाना बदल लिया और गरियाबंद-ओडिशा बॉर्डर पर चला गया था. वह नक्सली संगठन का एक महत्वपूर्ण नेता था, और उसके नेतृत्व में नक्सलियों ने कई हमले किए थे.
चलपति बस्तर के अबूझमाड़ के जंगलों में सक्रिय था, जो छत्तीसगढ़ का एक दुर्गम और घना क्षेत्र है. चलपति अपनी रक्षा के लिए एके-47 और एसएलआर जैसे अत्याधुनिक हथियार अपने साथ रखता था. उसकी सुरक्षा में 8-10 गार्ड तैनात रहते थे क्योंकि अबूझमाड़ क्षेत्र में हर वक्त खतरा बना रहता है.
इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के जवानों ने नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए. मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने एक एसएलआर सहित हथियारों, गोला-बारूद और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया.
इस क्षेत्र में माओवादी विद्रोहियों को निशाना बनाकर किया गया यह अभियान खुफिया सूचनाओं के बाद शुरू हुआ, जिसमें ओडिशा सीमा से सिर्फ पांच किलोमीटर दूर स्थित छत्तीसगढ़ के कुलारीघाट रिजर्व वन में माओवादियों की महत्वपूर्ण उपस्थिति का संकेत मिला था.
जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), छत्तीसगढ़ से कोबरा और ओडिशा से विशेष अभियान समूह (एसओजी) के सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम इस अभियान में शामिल थी.
–
एकेएस/एकेजे