आरजी कर रेप-हत्या मामला: आरोपी को उम्रकैद की सजा, पीड़िता के पिता ने निचली अदालत के फैसले पर असंतोष जताया  

कोलकाता, 21 जनवरी . कोलकाता की सियालदह कोर्ट ने सोमवार को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के मामले में दोषी सिविक वालंटियर संजय रॉय उम्रकैद की सजा सुनाई. पीड़िता के पिता ने मंगलवार को निचली अदालत के फैसले पर असंतोष जताया है.

पीड़िता के पिता ने मंगलवार को पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि दोषी को फांसी इसलिए नहीं हुई क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ठीक से जांच नहीं की.

सियालदह कोर्ट ने रेप-हत्या मामले में संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है. पीड़िता के पिता ने निचली अदालत के फैसले पर असंतोष जताया है. पीड़िता के पिता ने आगे कहा कि हमें जज पर पूरा भरोसा था. दोषी संजय को मौत की सजा नहीं दी गई क्योंकि सीबीआई उसके खिलाफ उचित सबूत पेश नहीं कर सकी. इसलिए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई.

बता दें कि कोर्ट ने शनिवार (18 जनवरी) को ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय को दोषी करार दिया था. सजा का ऐलान 20 जनवरी को किया गया था. जिस समय न्यायाधीश अनिर्बन दास ने संजय रॉय को दोषी करार दिया था. उस दौरान उसने चिल्लाते हुए कहा था कि मैंने कुछ नहीं किया है, मैं दोषी नहीं हूं. उसने अदालत में यह भी दावा किया था कि उसे फंसाया गया है. मृतक छात्रा के माता-पिता ने दोषी करार दिए जाने के लिए न्यायाधीश का शुक्रिया अदा किया था.

गौरतलब है कि पिछले साल 9 अगस्त को महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था. कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और क्राइम सीन से मिले सबूतों के आधार पर जांच की. इसके बाद सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था.

संजय रॉय इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार्जशीट में मुख्य आरोपी है. संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, धारा 66 और धारा 103 (आई) के तहत दोषी ठहराया गया था.

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