नई दिल्ली, 20 जनवरी . दिल्ली में विधानसभा चुनाव के प्रचार में राजनीतिक दलों के नेता जोर-शोर से लगे हैं. सभी पार्टियां सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सक्रिय हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी जीत की लय बरकरार रखने के लिए जोर लगा रही है. भाजपा भी सत्ता पर एक बार फिर काबिज होने का प्रयास कर रही है. पिछले दो चुनावों में यहां आप की जीत हुई है.
परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई बिजवासन सीट दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी जिले के अंतर्गत आती है. आम आदमी पार्टी ने बिजवासना से सुरेंद्र भारद्वाज को, भाजपा ने कैलाश गहलोत और कांग्रेस ने देवेंद्र सहरावत को मैदान में उतारा है. साल 2015 और 2020 में आप ने बिजवासना सीट पर जीत दर्ज की थी जबकि 2013 में इस सीट से भाजपा उम्मीदवार सत प्रकाश राणा विजयी हुए थे.
खास बात यह है कि यहां से अपना दावा पेश कर रहे भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही उम्मीदवार पूर्व में ‘आप’ नेता रहे हैं. कैलाश गहलोत आप का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, जबकि कर्नल देवेंद्र सहरावत आप से कांग्रेस में चले गए थे.
साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप के भूपिंदर सिंह जून ने बिजवासन सीट जीती थी. उन्हें कुल 57,271 वोट मिले थे. वहीं, भाजपा उम्मीदवार सत प्रकाश राणा 56,518 वोटों के साथ दूसरे और कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण राणा 5,937 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. आप और भाजपा उम्मीदवार के बीच जीत का अंतर बहुत कम था. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि भाजपा उम्मीदवार कैलाश गहलोत आप को जीत की हैट्रिक लगाने से रोक सकते हैं.
इस क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के मुद्दे अहम हैं. इन मुद्दों के अलावा भी उम्मीदवार विभिन्न मुद्दों पर वोट मांग रहे हैं.
बिजवासन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या दो लाख 10 हजार से अधिक है. यहां 1,14,518 पुरुष मतदाता, 97,041 महिला मतदाता और 186 थर्ड जेंडर वोटर हैं.
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर मतदान 5 फरवरी को होगा जबकि मतगणना 8 फरवरी को होनी है.
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एफजेड/एकेजे