काबुल, 20 जनवरी, . तालिबान के कार्यवाहक उप विदेश मंत्री ने अफगान लड़कियों के लिए स्कूल खोले जाने की अपील की है. यह टिप्पणी हाल के वर्षों में किसी तालिबान अधिकारी की तरफ से देश में महिला शिक्षा पर प्रतिबंध की सबसे कड़ी सार्वजनिक आलोचनाओं में से एक है. लड़कियों की शिक्षा पर पाबंदी एक ऐसी नीति है जिसने तालिबान को दुनियाभर से अलग-थलग कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकजई ने सप्ताहांत में एक भाषण में कहा कि लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध इस्लामी शरिया कानून के अनुरूप नहीं है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, मंत्री ने तालिबान के प्रशासन के नाम का जिक्र करते हुए कहा, “हम इस्लामिक अमीरात के नेताओं से शिक्षा के दरवाजे खोलने का अनुरोध करते हैं.” उन्होंने कहा, “पैगंबर मुहम्मद के समय में ज्ञान के दरवाजे पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए खुले थे.”
कार्यवाहक उप विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान की महिला आबादी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आज, चालीस करोड़ की आबादी में से हम बीस करोड़ लोगों के खिलाफ अन्याय कर रहे हैं.’’
तालिबान का दावा है कि वे इस्लामी कानून और अफगान संस्कृति की अपनी व्याख्या के अनुसार महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करते हैं. हालांकि उन्होंने 2022 में लड़कियों के लिए हाई स्कूल खोलने के वादे पर यू-टर्न लिया. 2022 के अंत में महिला छात्रों के लिए विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया.
तालिबान प्रशासन तब से कहता रहा है कि वह स्कूलों को फिर से खोलने की योजना पर काम कर रहा है, लेकिन उसने कोई समयसीमा नहीं बताई है.
इस्लामी विद्वानों सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान नीतियों की व्यापक आलोचना की गई. पश्चिमी राजनयिकों ने कहा है कि तालिबान को औपचारिक मान्यता देने का कोई भी रास्ता तब तक बंद है जब तक कि महिलाओं के प्रति उनकी नीतियों में बदलाव नहीं होता.
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