नई दिल्ली, 20 जनवरी . लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने दिल्ली एम्स में मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलने की बात कही. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इस चिट्ठी को शेयर किया.
राहुल गांधी ने कहा कि ठिठुरती ठंड में मरीजों और उनके परिजन मेट्रो स्टेशन के नीचे सोने को मजबूर हैं, जहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की. इतनी बड़ी संख्या में मरीजों का दिल्ली एम्स आना यह भी दिखाता है कि लोग जहां रहते हैं, वहां उन्हें सस्ती और अच्छी क्वालिटी की स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.
उन्होंने अपनी चिट्ठी में दिल्ली की मुख्यमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इस पर तत्काल कदम उठाने की भी बात कही.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”देशभर से दिल्ली एम्स आने वाले मरीजों और उनके परिवारों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है. पिछले दिनों मैंने देखा कि ठिठुरती ठंड में ये मेट्रो स्टेशन के नीचे सोने को मजबूर हैं, जहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की. आसपास कूड़े-कचरे का भी ढेर लगा रहता है. इतनी बड़ी संख्या में मरीजों का दिल्ली एम्स आना यह भी दिखाता है कि लोग जहां रहते हैं, वहां उन्हें सस्ती और अच्छी क्वालिटी की स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.”
उन्होंने आगे पोस्ट में लिखा, ”मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे पत्र का संज्ञान लेते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री इस मानवीय संकट को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे. साथ ही आशा है कि केंद्र सरकार आगामी बजट में पब्लिक हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत करने के लिए ठोस पहल करेगी और उसके लिए जरूरी संसाधनों को बढ़ाएगी.”
बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीते दिनों देर रात दिल्ली एम्स का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने मरीजों और उनके परिवार वालों से व्यवस्था के बारे में जाना था. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ”एम्स के बाहर नरक! देशभर से आए गरीब मरीज और उनके परिवार एम्स के बाहर ठंड, गंदगी और भूख के बीच सोने को मजबूर हैं. उनके पास न छत है, न खाना, न शौचालय और न पीने का पानी. बड़े-बड़े दावे करने वाली केंद्र और दिल्ली सरकार ने इस मानवीय संकट पर आंखें क्यों मूंद ली हैं?”
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एसके/एबीएम