नई दिल्ली, 19 जनवरी . दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 17 दिन बाद 5 फरवरी को मतदान है. मध्य दिल्ली जिले में स्थित चांदनी चौक सीट राष्ट्रीय राजधानी के सबसे पुराने और ऐतिहासिक क्षेत्रों में से एक है. यह सीट चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और यहां के स्थानीय मुद्दे हमेशा चुनावों में प्रमुख होते हैं.
चांदनी चौक दिल्ली का सबसे व्यस्त और पुराना बाजार है, जिसे मुगल सम्राट शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था. इस क्षेत्र का डिजाइन उनकी बेटी जहांआरा ने किया था और बाजार में चांद की रोशनी को प्रतिबिंबित करने के लिए नहरें बनाई गई थीं. हालांकि, समय के साथ इन नहरों को बंद कर दिया गया है, फिर भी यह क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के कारण प्रसिद्ध है. चांदनी चौक का क्षेत्र लाल किला और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के नजदीक है.
चांदनी चौक सीट पर पिछले चुनाव यानी 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रह्लाद सिंह साहनी ने 29,584 वोटों के बड़े अंतर से भारतीय जनता पार्टी के सुमन कुमार गुप्ता को हराया. कांग्रेस की अलका लांबा तीसरे स्थान पर रहीं. उस समय 65.92 प्रतिशत हुआ था. प्रह्लाद सिंह साहनी ने 50,891 वोट हासिल किए जबकि सुमन कुमार गुप्ता को 21,307 वोट मिले थे.
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में अलका लांबा आप के टिकट पर मैदान में थीं और 36,756 वोट हासिल कर विजयी रही थी. भारतीय जनता पार्टी के सुमन कुमार गुप्ता को 18,469 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस की तरफ से मैदान में उतरे प्रह्लाद सिंह साहनी को 17,930 वोट मिले.
इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रह्लाद सिंह साहनी ने 26,335 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी. भाजपा के सुमन कुमार गुप्ता को 18,092 वोट मिले थे, जबकि आम आदमी पार्टी के विक्रम बढ़वार को 15,312 वोट मिले.
साल 1993 में अस्तित्व में आई इस सीट पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी के वासुदेव कैप्टन ने चुनाव जीता था. हालांकि इसके बाद कांग्रेस ने इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की और प्रह्लाद सिंह साहनी ने 1998 में अपनी पहली जीत दर्ज की. साल 2003 और 2008 में भी उन्होंने लगातार जीत हासिल की और 2013 में लगातार चौथी जीत दर्ज की.
चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,26,233 मतदाता है, जिनमें 68,547 पुरुष और 57,667 महिला वोटर हैं. इसके अलावा, इस विधानसभा में 19 ट्रांसजेंडर मतदाता भी हैं. चांदनी चौक के स्थानीय मसले हमेशा चुनावों में चर्चा का विषय बने रहते हैं. इस क्षेत्र में बिजली-पानी की समस्या और जर्जर तारों का जंजाल मुख्य चुनावी मुद्दे रहे हैं. पुराने कारोबारी भी आज तक इन समस्याओं के समाधान का इंतजार कर रहे हैं.
चांदनी चौक विधानसभा सीट दिल्ली के सियासी नक्शे पर हमेशा अहम रही है, और यह सीट खासकर आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के लिए एक बड़ा चुनावी मुकाबला बन चुकी है.
–
पीएसएम/एकेजे