चेन्नई, 18 जनवरी . तमिल सुपरस्टार और ‘तमिलगा वेत्री कझगम’ (टीवीके) के प्रमुख विजय 20 जनवरी को प्रस्तावित परंदुर ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा के खिलाफ इगनपुरम गांव में विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगे.
ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा चेन्नई का दूसरा हवाई अड्डा बनने वाला है.
विजय ने प्रशासन से कांचीपुरम जिले के इगनपुरम गांव का दौरा करने की अनुमति मांगी है.
इसका उद्देश्य लगभग 20 गांवों के उन निवासियों के आंदोलन को सामने लाने का है, जो साल 2022 से परियोजना का विरोध कर रहे हैं.
विजय ने प्रशासन से 19 या 20 जनवरी को बैठक आयोजित करने की अनुमति मांगी थी, जिस पर कांचीपुरम पुलिस ने उन्हें 20 जनवरी को बैठक की अनुमति दी.
टीवीके के पदाधिकारियों ने विरोध समिति के नेताओं के साथ बातचीत करके कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी है. पोंगल के दिन, टीवीके के दो राज्य पदाधिकारी इगनपुरम गए और पांच एकड़ जमीन को निश्चित किया, जहां सभा होनी है.
टीवीके महासचिव एन आनंद ने इगनपुरम गांव में अंबेडकर प्रतिमा के पास खाली पड़ी जमीन का मुआयना किया, जहां विजय उपस्थित लोगों को संबोधित कर सकते हैं.
बता दें, अगस्त 2022 में केंद्र सरकार ने परंदुर ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए परंदुर को साइट के रूप में घोषित किया है, जिसे लेकर वहां के निवासियों ने खेती योग्य जमीन के नुकसान और पर्यावरण के लिए इसे सही नहीं बताते हुए विरोध जताया.
सरकार की इस परियोजना को साल 2028 तक पूरा करने की योजना है. हवाई अड्डे के लिए 20 गांवों में करीब 5,746 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है.
हवाई अड्डे के बनने से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले गांव में इगनपुरम का नाम शामिल है. गांव के निवासियों का कहना है कि इस परियोजना से उपजाऊ खेत और पर्यावरण दोनों को नुकसान होगा, जिससे उनकी आजीविका के साथ ही स्थानीय इकोसिस्टम को भी खतरा है.
लंबे समय से विरोध कर रहे ग्रामीणों ने 10 जनवरी को विरोध प्रदर्शन का 900वां दिन पूरा किया. ग्रामीणों ने परियोजना को रद्द करने की मांग के साथ ग्राम सभा की बैठकों, चुनावों का भी बहिष्कार किया है.
पुलिस ने विरोध कर रहे गांवों में बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए हैं और वाहनों की भी जांच कर रही है.
भाजपा, पीएमके, पुथिया तमिलागम और एनजीओ अरप्पोर इयक्कम समेत अन्य ने विरोध मार्च की अनुमति को अस्वीकार कर दिया.
तमिलनाडु राजस्व विभाग ने मामले को लेकर कहा है कि भूमि अधिग्रहण केवल प्रभावित लोगों के साथ बातचीत और ग्राम सभा स्तर पर चर्चा के बाद ही आगे बढ़ेगा. हालांकि, ग्रामीण विरोध में लगे हुए हैं.
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एमटी/