सोल, 18 जनवरी . साउथ कोरियाई नेशनल असेंबली ने मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) की ओर से पेश संशोधित विधेयक को पारित कर दिया है. इसमें राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ उनके मार्शल लॉ ऑर्डर को लेकर स्पेशल काउंसिल जांच शुरू करने की मांग की गई है.
संशोधित विधेयक को शुक्रवार को संसद के पूर्ण सत्र के दौरान 188-86 मतों से मंजूरी दी गई. सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया.
योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक विपक्षी गुट वर्तमान में 192 सीटों के साथ 300 सदस्यीय संसद पर हावी है.
इससे पहले, साउथ कोरिया की सत्तारूढ़ पीपीपी और मुख्य विपक्षी डीपी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति यून के खिलाफ स्पेशल काउंसिल जांच शुरू करने के अपने-अपने विधेयकों पर चर्चा की.
सभी की निगाहें इस बात पर थीं कि क्या दोनों प्रतिद्वंद्वी दल अपने मतभेदों को कम कर सकते हैं और संसदीय पूर्ण सत्र समाप्त होने से पहले एक ही विधेयक पर सहमत हो सकते हैं.
पीपीपी के नेता क्वेओन सेओंग-डोंग और उनके डेमोक्रेटिक समकक्ष पार्क चान-डे ने बैठक में भाग लिया, जिसकी अध्यक्षता नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वू वोन-शिक ने की. हालांकि सहमति नहीं बन सकी.
बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया. मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा. हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया.
नेशनल असेंबली राष्ट्रपति यून सुक-योल और उनकी जगह लेने वाले कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर चुकी है. उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
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एससीएच/एमके