निर्मल महतो हत्याकांड में सजायाफ्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, झारखंड के मुख्य सचिव को नोटिस

रांची, 17 जनवरी . सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के तत्कालीन अध्यक्ष निर्मल महतो की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास काट रहे नरेंद्र सिंह उर्फ पंडित की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई की तारीख पर उपस्थित होने को कहा है.

नरेंद्र सिंह की ओर से दायर अवमानना याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा के खिलाफ एसएलपी पर सुनवाई की थी.

कोर्ट ने जुलाई 2023 में अपने फैसले में प्रार्थी के 20 वर्ष से अधिक समय तक जेल में रहने को देखते हुए रिमिशन के आधार पर उसे दो माह में जेल से छोड़ने का आदेश दिया था. इस आदेश के डेढ़ साल बाद भी प्रार्थी नरेंद्र सिंह उर्फ पंडित अब तक जेल में बंद है. उसने सुप्रीम कोर्ट से आदेश का अनुपालन कराने की गुहार लगाई है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के तत्कालीन अध्यक्ष निर्मल महतो की हत्या 8 अगस्त, 1987 को जमशेदपुर के चमरिया (टाटा स्टील) गेस्ट हाउस के समीप गोली मारकर कर दी गई थी. इस हत्याकांड के वक्त मौके पर मौजूद रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सूरज मंडल की सूचना पर जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाने में केस दर्ज किया गया था.

इस हत्याकांड की जांच 18 नवंबर 1987 को सीबीआई को दी गई थी. लगभग 13 साल बाद इस मामले में वीरेंद्र सिंह और 15 साल बाद 2003 में नरेंद्र सिंह उर्फ पंडित को गिरफ्तार किया गया था. मामले की सुनवाई के बाद निचली अदालत ने इन आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने भी अभियुक्तों की अपील पर सुनवाई करते हुए फरवरी 2017 में उनकी आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी थी. एक सजायाफ्ता वीरेंद्र सिंह की जेल में ही मौत हो गई थी.

एसएनसी/एबीएम