भाजपा छोड़कर आम आदमी पार्टी में मारी एंट्री और मिल गया टिकट, जानिए क्यों आप ने दिखाया अनिल झा पर भरोसा

नई दिल्ली, 17 जनवरी . दिल्ली की किराड़ी विधानसभा चर्चित सीटों में से एक है. वर्तमान में इस पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है. इस बार मुकाबला और दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि आप की ओर से इस सीट से भाजपा के एक पूर्व नेता चुनाव लड़ रहे हैं. तो आइए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और इस सीट के समीकरण पर नजर डालते हैं.

किराड़ी सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अनिल झा बिहार के मधुबनी जिले से आते हैं. उनकी पहचान एक अनुभवी नेता के रूप में है. अनिल झा ने भाजपा के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और लगभग 32 वर्षों तक पार्टी से जुड़े रहे. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. साल 2008 और 2013 के चुनाव में किराड़ी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर वह विधायक रहे. अनिल झा दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. चंद महीने पहले ही अनिल झा आम आदमी पार्टी में शामिल हुए.

अनिल झा का राजनीतिक करियर दिल्ली विश्वविद्यालय से शुरू हुआ. 1997-98 में उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया था. इसके बाद उन्होंने 2008 और 2013 में किराड़ी विधानसभा सीट से जीत हासिल की और क्षेत्र की जनता के बीच अपनी लोकप्रियता और प्रभाव को स्थापित किया.

किराड़ी विधानसभा उत्तर-पश्चिम दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और बिहार से आए पूर्वांचलियों की बड़ी संख्या है, जिससे यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र बन गया है. यहां ब्राह्मण, मुस्लिम, एससी, ओबीसी और वैश्य समुदाय रहते हैं, जिसमें ब्राह्मणों की तादाद ठीक ठाक है. किराड़ी में करीब 31 प्रतिशत ब्राह्मण, 20 प्रतिशत मुस्लिम, 32 प्रतिशत एससी और ओबीसी, 10 प्रतिशत वैश्य और जाटों की आबादी सात प्रतिशत के करीब है.

किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,19,006 वोटर हैं, जिसमें 1,75,815 पुरुष , 1,43,153 महिला और 38 थर्ड जेंडर वोटर्स शामिल हैं.

बता दें कि दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर पांच फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और नतीजे की घोषणा आठ फरवरी को होगी. दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख वोटर्स हैं. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83.49 लाख, महिला मतदाता 71.74 लाख और युवा मतदाता 25.89 लाख हैं. उधर, पहली बार वोट देने जा रहे मतदाताओं की कुल संख्या 2.08 लाख है. इसके अलावा, दिल्ली में 13 हजार से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. 100 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 830 है.

पीएसके/केआर