ओडिशा में अब तक नहीं मिला एचएमपीवी का एक भी केस : नीलकंठ मिश्रा

भुवनेश्वर, 16 जनवरी . देश के अलग-अलग राज्यों में बीते कुछ समय में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आए हैं, जिसके चलते देशभर में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर काम कर रहा है. इस बीच, ओडिशा के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक डॉ. नीलकंठ मिश्रा ने से बात करते हुए बताया कि राज्य में अब तक इससे जुड़ा कोई मामला सामने नहीं आया है.

ओडिशा के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक डॉ. नीलकंठ मिश्रा ने से बातचीत में बताया, “उनके कार्यालय द्वारा राज्य में अब तक एचएमपीवी का कोई मामला नहीं मिला है. हमने कल बैठक की थी और इसके बाद एक प्रेस रिलीज भी जारी कर इस मामले के बारे में जानकारी दी.”

डॉ. नीलकंठ मिश्रा ने आगे कहा, “चिंता की कोई बात नहीं है, हम पूरी तरह तैयार हैं और निगरानी कर रहे हैं. सामान्य सर्दी और खांसी में वृद्धि का कोई मामला नहीं देखा गया है, सभी को सावधानी बरतने की जरूरत है. न तो डब्ल्यूएचओ या भारत सरकार ने इस पर कोई सलाह जारी की है. वायरस का अस्तित्व साल 2001 से है. इसके लक्षण सामान्य खांसी और जुकाम हैं. हम इसके अस्तित्व से इनकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन ओडिशा में इसका अभी तक एक भी केस दर्ज नहीं किया गया है.”

बता दें कि बीते दिनों केंद्र ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में वृद्धि के बीच राज्यों से देश में श्वसन संबंधी बीमारियों पर निगरानी की समीक्षा करने को कहा था.

देश में अब तक कर्नाटक (2), गुजरात (1) और तमिलनाडु (2) से एचएमपीवी के सात मामले सामने आए हैं. सभी मामले 3 महीने से लेकर 13 साल की उम्र के छोटे बच्चों में पाए गए.

एचएमपीवी को लेकर जारी की गई सलाह में साबुन से बार-बार हाथ धोना, बिना धुले हाथों से अपनी आंखें, नाक या मुंह को छूने से बचना, ऐसे लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना, जिनमें बीमारी के लक्षण दिख रहे हों. इसके साथ ही खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना जैसी बातें कही गई हैं.

एचएमपीवी कई श्वसन वायरस में से एक है, जो सभी उम्र के लोगों में संक्रमण का कारण बन सकता है. वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का और स्व-सीमित स्थिति वाला होता है और अधिकांश मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं.

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