राजकोट, 16 जनवरी . सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल ने अपने वनडे करियर की बेहतरीन शुरुआत की है. किसी भी महिला खिलाड़ी ने अब तक अपने वनडे करियर की शुरुआत के पहले छह मैचों में रावल से ज़्यादा रन नहीं बनाए हैं – 74 की औसत के साथ 444 रन. अगर पुरुष और महिला खिलाड़ियों की बात की जाए तो पहले छह मैचों में प्रतिका से बेहतर आंकड़े सिर्फ़ दक्षिण अफ़्रीका के जानेमन मलान के नाम है.
रावल ने बुधवार को आयरलैंड के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 129 गेंदों में 154 रन बनाए और स्मृति मंधाना के साथ पहले विकेट के लिए 233 रनों की साझेदारी की. दोनों बल्लेबाज़ों की इस साझेदारी और रावल की दर्शनीय पारी ने कई कीर्तिमान बनाए और शायद इसी कारण से भारतीय महिला टीम ने वनडे में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर (435-5) बनाने में सफल रही.
इस सीरीज़ में हरमनप्रीत कौर की अनुपस्थिति में मंधाना भारतीय टीम की कप्तानी संभाल रही थीं. उन्होंने मैच के बाद रावल की जमकर तारीफ़ की और उनकी बहुमुखी प्रतिभा को उनकी सबसे बड़ी ताक़त बताया.
मंधाना ने रावल के बारे में कहा, ” जिस तरह से वह बल्लेबाज़ी कर रही हैं, उससे मैं वास्तव में खुश हूं. मुझे लगता है कि उनके पास शांत स्वभाव है, वह जानती हैं कि वह क्या कर रही हैं. उनके पास दोनों तरह का खेल है – जहां वह तेज़ी से रन बना सकती हैं और रक्षात्मक भूमिका भी निभा सकती हैं, जो एक बल्लेबाज़ के लिए बहुत शानदार है.
“वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ पहले वनडे (पिछले महीने) से लेकर अब तक उनका प्रदर्शन देखना वाकई सुखद है. वह विकेटों के बीच अच्छी दौड़ लगाती हैं. सिंगल्स को डबल्स में बदल देती हैं, जो वनडे क्रिकेट में हमेशा मददगार होता है. इसलिए मैं उनके लिए बहुत खु़श हूं और उम्मीद करती हूं कि वह अपनी फ़ॉर्म जारी रखें, क्योंकि यह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साल है (भारत अगस्त-सितंबर में वनडे वर्ल्ड कप की मेज़बानी करेगा).”
भारत की बल्लेबाज़ों ने आयरलैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ में बेहतरीन प्रदर्शन किया. पहले वनडे में 239 रन का लक्ष्य 35 ओवरों से पहले हासिल किया और दूसरे वनडे में 370 रन बनाए. इसके बाद बुधवार को रिकॉर्ड तोड़ने वाले प्रदर्शन ने सबको हैरान कर दिया. मंधाना ने यह माना कि राजकोट की पिच ऐसी थी, जहां बल्लेबाज़ अपनी पूरी आज़ादी के साथ शॉट खेल सकते थे.
उन्होंने कहा, “मैं तो इस विकेट को हर जगह अपने साथ ले जाना चाहूंगी, लेकिन बतौर कप्तान यह थोड़ा मुश्किल है. यह गेंदबाज़ों के लिए कठिन विकेट है. लेकिन मेरे लिए यह बहुत स्पष्ट था कि मुझे अपनी पसंद के शॉट खेलने थे, क्योंकि हर दिन ऐसा मौक़ा नहीं मिलता. कई बार परिस्थितियों का सम्मान करना पड़ता है और उसी के अनुसार खेलना पड़ता है, लेकिन ऐसी पिच और तेज़ आउटफ़ील्ड पर अगर गेंद आपके स्लॉट में है, तो आपको शॉट लगाना चाहिए.
रिकॉर्ड स्कोर बनाने के बाद भारत ने उसे शानदार तरीके से डिफ़ेंड किया. स्पिनर्स दीप्ति शर्मा, तनुजा कंवर और मिन्नू मणि ने छह विकेट साझा किए और आयरलैंड को 131 रन पर समेट दिया. 304 रनों की जीत भारत की वनडे में सबसे बड़ी जीत थी. पहले दो वनडे में आयरलैंड ने 50 ओवर पूरे खेले थे, लेकिन मंधाना का मानना था कि भारतीय गेंदबाज़ पहले दो मैचों में भी उतने ही अच्छे थे. तीसरे वनडे में स्पिनर्स को थोड़ी और मदद मिली. साथ ही आयरलैंड के बल्लेबाज़ बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए बड़े शॉट खेलने की कोशिश कर रहे थे.
मंधाना ने कहा, “मुझे लगता है कि विकेट ने हमारे स्पिनर्स को काफ़ी मदद दी, क्योंकि यह वही पिच थी जो पहले दो वनडे में इस्तेमाल की गई थी. आज उसमें थोड़ा स्पिन था. पहले दो वनडे में पिच में बहुत कुछ नहीं था, और आज उन्होंने (आयरलैंड के बल्लेबाज़ों ने) बड़े शॉट्स खेलने की कोशिश की, और जब बल्लेबाज़ शॉट खेलते हैं, तो उन्हें आउट करने के मौके़ बढ़ जाते हैं.
“पहले दो वनडे में, वे केवल सिंगल्स या डबल्स लेने की कोशिश कर रहे थे, जो गेंदबाज़ों के लिए मुश्किल बना देता है. मैं यह नहीं कहूंगी कि पहले या दूसरे वनडे में हमारे गेंदबाज़ अच्छे नहीं थे. मुझे लगता है कि उन्होंने पहले और दूसरे वनडे में भी शानदार गेंदबाज़ी की. लेकिन आज पिच ने थोड़ी ज्यादा मदद की.”
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