रिलीफ और अटैक दोनों के लिए आईएनएस नीलगिरी का इस्तेमाल

मुंबई, 15 जनवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड से आईएनएस नीलगिरी जहाज को राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर पर नौसेना में तैनात अधिकारियों ने आईएनएस नीलगिरी के बारे में के साथ बातचीत में जानकारी साझा की.

अरविंद कुमार ने बताया कि हम लोग आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस जहाज में अधिकतर चीजें जो इस्तेमाल की गई हैं, वह भारत में ही बनाई गई हैं. हालांकि, कुछ चीजें विदेशी भी हैं. लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं जमीन और आसमान से काउंटर करने में हम सक्षम हैं.

असीम ने कहा कि हमारा पिछला नीलगिरी 1996 में कमीशन किया गया था, और यह हमारे देश की क्षमता को प्रदर्शित करता है. अपनी ताकत के साथ, एक आत्मनिर्भर भारत के रूप में, हमने जहाज को फिर से कमीशन किया है, और यह बहुत गर्व की बात है. भारतीय नौसेना के जहाज रिलीफ और अटैक दोनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

एलके सिंह ने कहा कि मैं इस जहाज में लोगों के मनोबल को बढ़ाने का काम करता हूं. जब युद्ध का वक्त आता है तो हम एक चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि हमारा पूरा फोकस दुश्मनों पर होना चाहिए, ताकि हमारा एक भी वार खाली न जाए.

नितिन कपूर ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. हमारी नौसेना में एक प्रथा है कि जो जहाज डीकमीशन हो जाते हैं, उन्हें हम फिर से जीवित करते हैं. आज से 52 साल पहले पुराना नीलगिरी कमीशन किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे कमीशन किया था. आज 52 साल बाद हम नए नीलगिरी को देख रहे हैं.

बता दें कि आईएनएस नीलगिरी का कमीशन भारतीय नौसेना और देश के रक्षा निर्माण क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है. यह अत्याधुनिक भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

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