पुरुष कर्मचारियों की तुलना में अपने कौशल को लेकर भारतीय महिलाएं अधिक ‘कॉन्फिडेंट’ : रिपोर्ट

चेन्नई, 15 जनवरी . भारत में पुरुष कर्मचारियों की तुलना में ऐसी महिला कर्मचारियों की संख्या अधिक है जो करियर में उन्नति के लिए अपने कौशल को लेकर आश्वस्त हैं. बुधवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

एडीपी रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, 40 प्रतिशत महिलाओं ने अपने करियर में उन्नति के लिए कौशल में विश्वास व्यक्त किया, जबकि महिलाओं की तुलना में केवल 36 प्रतिशत पुरुषों को ही अपने कौशल में विश्वास है.

जहां 37 प्रतिशत महिलाओं का मानना ​​है कि उनके नियोक्ता करियर में उन्नति के लिए आवश्यक कौशल में निवेश करते हैं, वहीं इस मामले में भी केवल 29 प्रतिशत पुरुष ही ऐसी भावना रखते हैं.

छह महाद्वीपों के 34 बाजारों में लगभग 38,000 वर्किंग एडल्ट के सर्वे डेटा पर आधारित यह ग्लोबल रिपोर्ट वर्कर्स की संगठन द्वारा इस्तेमाल न की गई क्षमता की जांच करती है.

रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल वर्कफोर्स का केवल एक चौथाई हिस्सा (24 प्रतिशत) आश्वस्त है कि उनके पास निकट भविष्य में अगले नौकरी स्तर पर आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल हैं, जबकि केवल 17 प्रतिशत कर्मचारी दृढ़ता से सहमत हैं कि उनके नियोक्ता करियर में उन्नति के लिए आवश्यक कौशल में निवेश कर रहे हैं.

भारत इन क्षेत्रों में थोड़ा बेहतर परिणाम दिखाता है, जहां 37 प्रतिशत कर्मचारी अपने करियर की प्रगति के लिए अपने कौशल में आश्वस्त हैं और लगभग एक तिहाई (32 प्रतिशत) को लगता है कि उनके नियोक्ता उनके कौशल विकास में निवेश कर रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नियोक्ताओं को आज के डायनैमिक वर्कप्लेस के साथ तालमेल रखने वाले वर्कफोर्स के निर्माण से ज्यादा स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता देनी चाहिए.

एडीपी की मुख्य अर्थशास्त्री नेला रिचर्डसन ने कहा, “हमारे रिसर्च से पता चलता है कि एक स्किल्ड वर्कफोर्स अपने नियोक्ताओं के प्रति अधिक वफादार होता है और अधिक उत्पादक होता है. फिर भी, काम पर रखे जाने के दो साल के भीतर केवल कुछ ही कर्मचारी अपस्किल हो पाते हैं.”

रिचर्डसन ने कहा, “अगर कंपनियां आने वाले समय में होने वाली विशाल तकनीकी प्रगति से लाभ उठाना चाहती हैं, तो उन्हें अपने कर्मचारियों के कौशल और करियर ग्रोथ में निवेश करना शुरू करना चाहिए.”

रिपोर्ट में ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग के जरिए सीखे गए स्किल डेवलपमेंट के प्रभाव की जांच की गई और पाया गया कि अधिकांश कर्मचारी सोचते हैं कि ‘स्किल डेवलपमेंट’ के मामले में उनके नियोक्ता बेहतर कर सकते हैं.

एसकेटी/केआर