नई दिल्ली, 15 जनवरी . तमिलनाडु बुधवार को तिरुवल्लुवर दिवस मना रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महान तमिल कवि और दार्शनिक तिरुवल्लुवर को नमन किया .
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “तिरुवल्लुवर दिवस पर हम अपनी भूमि के महानतम दार्शनिकों, कवियों और विचारकों में से एक, महान तिरुवल्लुवर को याद करते हैं. उनके छंद तमिल संस्कृति के सार और हमारी दार्शनिक विरासत को दर्शाते हैं. उनकी शिक्षाएं धार्मिकता, करुणा और न्याय पर जोर देती हैं. उनका कालातीत कार्य, तिरुक्कुरल, प्रेरणा की किरण के रूप में खड़ा है, जो कई मुद्दों पर गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करता है. हम अपने समाज के लिए उनके दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे.”
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पोस्ट पर कहा, “तिरुवल्लुवर दिवस पर हम तिरुवल्लुवर के प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं, एक ऐसे दूरदर्शी, जिन्होंने नैतिकता, सामाजिक व्यवस्था, राजनीतिक शासन और मानव स्थिति में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान की. उनकी कृति, जीवन की जटिलताओं से निपटने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है. हम धार्मिकता, करुणा और सद्भाव के सिद्धांतों को मूर्त रूप देने के साथ न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज का निर्माण करें.”
15 जनवरी को मनाया जाने वाला तिरुवल्लुवर दिवस तमिलनाडु में एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो महान तमिल कवि और दार्शनिक तिरुवल्लुवर के सम्मान में मनाया जाता है.
तिरुक्कुरल तमिल – साहित्य का सर्वोत्कृष्ट नीतिग्रंथ माना जाता है. तिरुवल्लुवर की आरंभिक रचना तिरुक्कुरल में 1330 दोहे (कुरल) हैं. जो नैतिकता, राजनीति, प्रेम और न्याय पर ज्ञान प्रदान करते हैं.
तमिल संस्कृति में तिरुवल्लुवर को एक सम्मानित संत, कवि और दार्शनिक के तौर पर पूजा जाता है. मकर संक्रांति के अगले दिन वर्षों से तिरुवल्लुवर दिवस मनाया जा रहा है.
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एकेएस/केआर