मुंबई, 13 जनवरी . हिंदी फिल्म उद्योग दुनिया का सबसे समृद्ध फिल्म उद्योग है, और इसने भारत को बहुत अधिक सॉफ्ट पावर हासिल करने में मदद की है. हालांकि, एक दौर ऐसा भी था जब सब कुछ ठीक नहीं था. माफिया और अंडरवर्ल्ड ने एक समय बॉलीवुड पर काली छाया डाली थी.
बॉलीवुड के मेगास्टार शाहरुख खान का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें वह अपने संघर्ष के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं.
उन्होंने वीडियो में कहा, “हिंदी फिल्म इंडस्ट्री सबसे आसान इंडस्ट्री है. हम दुनिया में फिल्मों के सबसे बड़े निर्माता हैं.”
शाहरुख ने बताया कि उन्हें एक फिल्म करने के लिए कहा गया था. जब उन्होंने पूछा कि निर्माता कौन है तो जवाब मिला, “यह वह आदमी है जिसे हम भेज रहे हैं. तुम उससे बात करो और फिल्म साइन करो.”
उन्होंने कहा, “इसलिए यदि आपको जीवन का भय है, तो आप इस पर हस्ताक्षर कर देते हैं या यदि आप अपनी किस्मत को आजमाने के लिए तैयार हैं, तो आप इसे नकार देते हैं.”
शाहरुख ने फिल्म करने से इनकार कर दिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जाता है कि उनके मना करने पर उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिली थीं.
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कभी धमकी दी गई थी, तो उन्होंने कहा, “ओह, हां, कई मौकों पर ऐसा हुआ है. मेरे पास तीन साल तक पुलिस की बड़ी सुरक्षा थी.”
बॉलीवुड या हिंदी फिल्म उद्योग को आधिकारिक तौर पर 1998 में उद्योग का दर्जा दिया गया था. सुषमा स्वराज ने, जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में कार्य किया, 1998 में फिल्म निर्माण को “उद्योग का दर्जा” दिया, जिससे फिल्म उद्योग को वैध बनाया गया और इसे वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने के योग्य बनाया गया.
इसने अनुचित ब्याज दरों और पैसे के संदिग्ध स्रोतों को समाप्त कर दिया, जिसमें बिल्डरों, ज्वैलर्स और व्यापारियों तथा अंडरवर्ल्ड सहित विविध व्यवसायी शामिल थे.
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डीकेएम/एकेजे