रांची, 12 जनवरी . झारखंड के राज्यपाल ने रविवार को रांची में पूर्व सैनिकों के महासम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्र और समाज के लिए उनके समर्पण, सेवा, त्याग और अनुशासन की सराहना की. उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को पूर्व सैनिकों से प्रेरणा लेनी चाहिए.
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की ओर से रांची के गुरुनानक स्कूल सभागार में आयोजित दो दिवसीय महासम्मेलन में राज्य के विभिन्न जिलों से जुटे पूर्व सैनिकों ने राष्ट्र, समाज और सैन्य हित से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ इस महासम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों का योगदान केवल युद्धक्षेत्र तक सीमित नहीं है. 1965, 1971 और कारगिल युद्ध जैसी ऐतिहासिक घटनाओं के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं में सहायता और दूरदराज क्षेत्रों में सामाजिक उत्थान में उनकी भूमिका अद्वितीय है. उनकी सेवाएं हर क्षेत्र में प्रेरणा और शक्ति का प्रतीक हैं.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पूर्व सैनिकों के हित में लागू की गई ‘वन रैंक, वन पेंशन’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन से पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को वित्तीय स्थिरता प्राप्त हो रही है. पूर्व सैनिकों के बच्चों की शिक्षा, परिवार की सुरक्षा और रोजगार के सम्मानजनक अवसर सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिकों के अनुशासन और नेतृत्व कौशल का उपयोग शिक्षा, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है. राज्यपाल ने झारखंड में पूर्व सैनिकों के संगठन की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि आप न केवल पूर्व सैनिकों के अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में भी सक्रिय योगदान दे रहे हैं.
उन्होंने सैनिक परिवार कल्याण न्यास की ओर से शहीदों के परिवारों और आश्रितों की देखभाल की पहल की भी सराहना की. राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के सदस्यों से कहा कि उनका संघर्ष और समर्पण व्यर्थ नहीं जाएगा. पूरा देश उनके साथ खड़ा है.
इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि सैनिक हमेशा सैनिक होते हैं. चाहे राष्ट्र की रक्षा के लिए सीमा पर हों, चाहे परिवार के साथ समाज के बीच हों. इनकी वीरगाथा का स्मरण ऊर्जादायी होता है. पूर्व सैनिक हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं. आप सिर्फ सरकार की व्यवस्था से सेवानिवृत्ति होते हैं, जो एक प्रक्रिया है. आप सभी पूर्व सैनिक समाज की ऐसी धरोहर हैं, जिन्होंने अपने जीवन का बहुमूल्य समय राष्ट्र की रक्षा के लिए दिया.
–
एसएनसी/एएस