महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर एनएसजी ने किया मॉक ड्रिल

महाकुंभ नगर, 11 जनवरी . महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस, कुम्भ मेला पुलिस, एनएसजी, एटीएस, एनडीआरएफ और अन्य पैरामिलिट्री फोर्सेज सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए लगातार मॉक ड्रिल का अभ्यास कर रहे हैं. शनिवार को प्रयागराज के बोट क्लब पर एनएसजी, यूपी एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वाड), एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) और जल पुलिस ने एक संयुक्त मॉक ड्रिल की.

इस ड्रिल में एक आतंकवादी हमले का सीन क्रिएट किया गया जिसमें डर्टी बम का खतरा और बंधकों को छुड़ाया गया. एनएसजी की टीमों ने दो दिशाओं से ऑपरेशन शुरू किया. एसडीआरएफ ने जलमार्ग और सड़क मार्ग से लक्ष्य तक पहुंचकर बंधकों को सुरक्षित मुक्त कराते हुए सीबीआरएन (केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर) खतरे को बेअसर करने का प्रदर्शन किया.

एनएसजी कमांडो ने मॉक ड्रिल के दौरान आतंकियों द्वारा बंधक बनाए गए श्रद्धालुओं को छुड़ाने, बम ब्लास्ट से लोगों को बचाने और एक जिंदा बम को निष्क्रिय करने का प्रदर्शन किया. एनएसजी की पांच टुकड़ियां महाकुंभ में तैनात रहेंगी. ये टीमें डर्टी बम, फिदायीन हमले और केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर खतरों से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं. एनएसजी कमांडो के पास प्रमुख हथियार के रूप में एमपी5, एके-47, कार्नर शॉट गन, ग्लोक 17 है.

महाकुंभ मेले में केमिकल अटैक की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीमों ने भी मॉक ड्रिल की. इस दौरान आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने की योजना को परखा गया. एनडीआरएफ की टीमें केमिकल और अन्य खतरों के प्रभाव को कम करने और राहत कार्यों में दक्षता साबित कर रही हैं.

महाकुंभ में सुरक्षा के लिए भारतीय वायुसेना के एमआई-7 हेलीकॉप्टर को भी तैनात किया गया है. यह हेलिकॉप्टर निगरानी, आपात स्थिति में प्रतिक्रिया, और बचाव कार्यों में अहम भूमिका निभाएगा.

एकेएस/एकेजे