बड़वानी (मध्य प्रदेश), 11 जनवरी . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि राज्य के हर खेत तक पानी पहुंचाना सरकार का संकल्प है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार का यह संकल्प पूरा होगा.
बड़वानी जिले की सेंधवा कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 2,500 करोड़ की दो सिंचाई परियोजनाओं सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना और नवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का भूमि-पूजन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर खेत को पानी और हर हाथ को रोजगार दिलाना उनकी सरकार का संकल्प है.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पारस के स्पर्श से लोहा सोना हो जाता है, उसी प्रकार धरती को पानी मिले तो वह सोना उगलती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से हम इस संकल्प को पूरा करेंगे. हम हर गांव तक और हर खेत तक पानी पहुंचाएंगे. यह पानी अगर 60-70 वर्ष पहले खेतों को मिल जाता तो आज देश की दशा ही बदल जाती.
मोहन यादव ने कहा कि मां नर्मदा मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी हैं और निमाड़ के लोगों को मां नर्मदा का आंचल मिला है. नर्मदा घाटी की इंदिरा सागर परियोजना और लोअर गोई परियोजना की नहरों से बड़वानी जिले में सूक्ष्म सिंचाई पहले से हो रही है. अब सेंधवा और निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से जिले के सुदूर क्षेत्रों में किसानों को अपने खेतों तक मां नर्मदा का जल सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकेगा.
उन्होंने कहा प्रदेश में जनकल्याण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 26 जनवरी तक हर पंचायत, हर वार्ड में शिविर लगाए जा रहे हैं और शासन की विभिन्न योजनाओं का जनता को लाभ दिया जा रहा है. हमारी सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए कार्य कर रही है. गरीब, महिला, युवा और किसान कल्याण हमारी प्राथमिकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर व्यक्ति को पक्का मकान दिलाने के लिए भी संकल्पित है. जो व्यक्ति छूट गए हैं उनका दोबारा सर्वेक्षण कराया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 58.463 करोड़ की लागत के 19 विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया.
सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से जिले के 98 गांवों में लगभग 44,148.50 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा होगी. परियोजना से लगभग 53 हजार कृषक लाभान्वित होंगे. बड़वानी तहसील के ग्राम खेड़ी के समीप से नर्मदा नदी के जल को 2.70 मीटर व्यास की पाइप लाइन के माध्यम से 501 मीटर की ऊंचाई तक उद्वहन किया जाएगा.
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एसएनपी/एकेजे